Hindi Newsबिहार न्यूज़Polie constable took Rs 20 bribe 34 years ago Vigilance court orders DGP to arrest accused

20 रुपए घूस लेने वाला सिपाही 34 साल बाद होगा गिरफ्तार, विजिलेंस कोर्ट का बिहार DGP को आदेश

यह घटना 6 मई 1990 की है जब आरोपी सुरेश प्रसाद सिंह बड़हिया में सिपाही था। उसकी ड्यूटी सहरसा रेलवे स्टेशन पर लगाई गई थी। इसी दौरान सुरेश प्रसाद सिंह ने सीता देवी नामक एक सब्जी बेचने वाली महिला से 20 रुपए की वसूली की थी। सीता देवी आरोपी के गांव महेशखूंट की रहने वाली थी।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, पटनाFri, 6 Sep 2024 12:00 PM
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बिहार पुलिस के सिपाही द्वारा घूसखोरी का एक 34 साल पुराना मामला सुर्खियों में है। विशेष निगरानी न्यायाधीश की ओर से आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया है गया है। कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को उक्त सिपाही को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश करने का आदेश दिया है। सिपाही पर मात्र 20 रुपये घूस लेने का आरोप है। सब्जी बेचने वाली महिला से घूस लेते हुए पकड़ा गया था।

यह घटना 6 मई 1990 की है जब आरोपी सुरेश प्रसाद सिंह बड़हिया में सिपाही था। उसकी ड्यूटी सहरसा रेलवे स्टेशन पर लगाई गई थी। इसी दौरान सुरेश प्रसाद सिंह ने सीता देवी नामक एक सब्जी बेचने वाली महिला से 20 रुपए की वसूली की थी। सीता देवी आरोपी के गांव महेशखूंट की रहने वाली थी। आरोपी ने उसकी साड़ी के पल्लू में बांधकर रखें 20 रुपए जबरन ले ले लिए। इसी दौरान वहीं पर मौजूद रेलवे स्टेशन के इंचार्ज ने रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी सिपाही की जेब से महिला से वसूल की 20 की राशि भी बरामद कर ली गई थी। इस मामले में आरोपी सिपाही क खिलाफ केस दर्ज किया गया।

34 साल पुराने मामले में विशेष निगरानी न्यायाधीश सुदेश श्रीवास्तव ने गुरुवार को आदेश पारित किया । कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को फरार आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का ऑर्डर दिया गया है।

इस मामले में आरोपी सिपाही सुरेश सिंह जमानत पर थे। लेकिन सुनवाई के लिए डेट पर कोर्ट में हाजिर नहीं होने के कारण उसका बेल टूट गया। 1999 से वह फरार चल रहा था जिसके कारण बेल बॉंड को रद्द करते हुए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया। कोर्ट की ओर से कुर्की जब्ती का आदेश देने के बाद भी आरोपी सुरेश प्रसाद सिंह ना हाजिर हुआ ना उसे पुलिस पकड़ सकी। कोर्ट का आदेश नहीं मानने पर उसकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया है जिसे सीधे डीजीपी को भेजा गया है।

इस मामले में नया मोड़ तब आया जब जांच के दौरान पता चला कि आरोपी के सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज उसके घर का पता भी नकली है। वह खुद को खगड़िया के महेशखुंट का निवासी बता रहा था जबकि असलियत कुछ और है। आरोपी सिपाही लखीसराय जिले के बड़हिया अंतर्गत विजय गांव का निवासी है। अब कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी का आदेश बिहार डीजीपी को दिया है

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