Hindi Newsबिहार न्यूज़Plan made to curb terror of cyber criminals 40 cyber police stations of Bihar be connected to My Bharat portal

साइबर बदमाशों के आतंक से निपटने का बना प्लान, माई भारत पोर्टल से जुड़ेंगे बिहार के 40 साइबर थाने

  • वर्तमान में राज्य के 40 साइबर थाने हैं जिन्हें माई भारत पोर्टल से जोड़ा जाना है। इसके अलावा इस पर आई 4सी (इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर) के विशेषज्ञों एवं पदाधिकारियों के साथ ही साइबर एक्सपर्ट और इससे जुड़े विभिन्न संस्थानों के अन्य युवाओं को भी जोड़ा जाएगा।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोMon, 24 Feb 2025 09:54 AM
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साइबर बदमाशों के आतंक से निपटने का बना प्लान, माई भारत पोर्टल से जुड़ेंगे बिहार के 40 साइबर थाने

केन्द्र सरकार के स्तर से एक माई भारत पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसकी अगले महीने लॉन्च करने की तैयारी चल रही है। इससे संबंधित सभी तैयारी पूरी हो गई है। इस पर बिहार समेत अन्य सभी राज्यों में मौजूद सभी साइबर थानों और संबंधित साइबर सेल के पदाधिकारियों को जोड़ने की योजना है। राज्य के सभी साइबर थानों को इससे जोड़ा जाना है। वर्तमान में राज्य के 40 साइबर थाने हैं जिन्हें इससे जोड़ा जाना है। इसके अलावा इस पर आई 4सी (इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर) के विशेषज्ञों एवं पदाधिकारियों के साथ ही साइबर एक्सपर्ट और इससे जुड़े विभिन्न संस्थानों के अन्य युवाओं को भी जोड़ा जाएगा।

राज्य के साइबर थानों के अतिरिक्त आर्थिक अपराध इकाई के अंतर्गत काम करने वाली राज्य स्तरीय साइबर सेल के चुनिंदा पदाधिकारी भी इससे जुड़ेंगे। इसका मकसद साइबर सेल से जुड़े तमाम प्रमुख पदाधिकारियों, पुलिस इकाईयों, साइबर थानों और संस्थानों को जोड़कर एक समेकित नेटवर्क तैयार करना है। इसकी मदद से किसी तरह के साइबर अपराध की घटना होने पर आपसी समन्वय की बदौलत इसका निपटारा जल्द हो सकेगा।

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डाटाबेस तैयार हो सकेगा किसी मामले के समाधान में विशेषज्ञों का उचित मार्गदर्शन मिलेगा। सभी राज्यों का साइबर अपराध से संबंधित डाटाबेस तैयार हो सकेगा। किस इलाके में कौन से साइबर अपराधी या गैंग सक्रिय हैं, इसकी समुचित जानकारी राज्य आपस में साझा कर सकेंगे।

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साइबर अपराध के प्रति लोगों को किया जाएगा जागरूक

इस पोर्टल में एक हिस्सा युवाओं और आम लोगों के लिए भी होगा। इसका मकसद युवाओं को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने के साथ ही उनके लिए कुछ लर्निंग कार्यक्रम चलाना भी है। इस पर कुछ लोग अपनी समस्या या घटनाओं को भी साझा कर सकते हैं। हाल में पुलिस सप्ताह के उद्घाटन सत्र में इससे संबंधित विस्तृत प्रस्तुति नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआईआईपीसी) के डीजी नवीन कुमार सिंह ने दी थी। इसके प्रारूप पर राज्य का पुलिस महकमा तेजी से अमलीजामा पहनाने में जुट गया है।

फायदे

● साइबर अपराध से जुड़े बड़े मामलों का अनुसंधान विशेषज्ञों की मदद से हो सकेगा

● इस पर साइबर विशेषज्ञों को भी जोड़ा जा रहा, ताकि उचित सलाह मिल सके

● सभी राज्यों के साइबर अपराधियों का तैयार होगा डाटा, नकेल कसने में होगी आसानी

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