मां तारा चंडी मंदिर की न्यास समिति अवैध: हाई कोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने मां तारा चंडी मंदिर की 11 सदस्यीय न्यास समिति को अवैध करार देते हुए भंग कर दिया है। कोर्ट ने बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड को नई न्यास समिति गठित करने का आदेश दिया है। यह आदेश...
पटना हाईकोर्ट ने रोहतास जिले के मां तारा चंडी मंदिर की 11 सदस्यीय न्यास समिति को अवैध करार देते हुए उसे भंग कर दिया है। कोर्ट ने बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड को छह माह के भीतर हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत नई न्यास समिति गठित करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति नवनीत कुमार पांडेय की एकलपीठ ने महंत उदय कुमार गिरी व अन्य की रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नई न्यास समिति का गठन गत दिनों हाई कोर्ट के 15 सूत्री दिशा-निर्देशों के आधार पर किया जाय। गौरतलब है कि राज्य के सभी सार्वजनिक मंदिर, मठ, ठाकुरबाड़ी के प्रबंधन के लिए न्यास समिति गठन को लेकर हाई कोर्ट ने 23 जुलाई दिशा निर्देश जारी किया था। उसी का पालन करते हुए नए न्यास समिति गठित करने को कहा है।
न्यास बोर्ड की ओर से पेश वकीलों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने पाया कि न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ने 28 अगस्त को जय मां तारा चंडी नामक 11 सदस्यीय न्यास समिति गठित की है, जो हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश के तहत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि न्यास समिति गठन के पूर्व स्थानीय अखबारों में न्यासी नियुक्त करने के लिए आम सूचना प्रकाशित नहीं की गई। न्यासी के अपराधिक इतिहास की जांच-पड़ताल भी नहीं हुई। जिलाधिकारी और अनुमंडल अधिकारी ने योग्य उम्मीदवारों की सूची न्यास बोर्ड को नहीं भेजी। कोर्ट ने धार्मिक न्यास बोर्ड को छूट देते हुए कहा कि जब तक मां तारा चंडी मंदिर की नई न्यास समिति का गठन नहीं किया जाता तब तक मंदिर के प्रबंधन के लिए अस्थायी न्यासी की नियुक्ति कर सकता है।
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