प्रशांत किशोर समेत 21 नामजद और 700 अज्ञात पर केस, देखें पूरी लिस्ट; BPSC परीक्षा पर बवाल के बाद ऐक्शन
प्रशासन ने यह प्राथमिकी गांधी मैदान में छात्र संसद की मनाही होने के बावजूद करने के आरोप में किया है। इसके अलावा प्रशासन का लाउडस्पीकर क्षतिग्रस्त करने और बैरिकेडिंग तोड़ने का आरोप है।
रविवार की पटना की सड़कों पर जमकर बवाल हुआ। जिसके बाद पुलिस ने बड़ा ऐक्शन लिया है। इस हंगामे और बवाल के बाद कुल 21 नामजद और 600–700 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। दरअसल बीपीएससी 70वीं पीटी को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने पटना में छात्र संसद के बाद मार्च निकाला। इसका नेतृत्व जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर कर रहे थे। जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने मार्च को आगे बढ़ने से रोक दिया। शाम करीब 7 बजे प्रशांत किशोर के वहां से जाने के बाद उग्र अभ्यर्थियों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। पहले पानी की बौछार की फिर लाठीचार्ज कर छात्रों को तितर-बितर किया गया।
इस दौरान जेपी गोलंबर के आसपास के इलाके में पुलिस और छात्रों के बीच झड़प होती रही। प्रशासन ने यह प्राथमिकी गांधी मैदान में छात्र संसद की मनाही होने के बावजूद करने के आरोप में किया है। इसके अलावा प्रशासन का लाउडस्पीकर क्षतिग्रस्त करने और बैरिकेडिंग तोड़ने का आरोप है। इसमें प्रशांत किशोर के अलावा जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा समेत कई पूर्व आईएएस और ips अधिकारियों का नाम शामिल है।
इन सभी पर केस दर्ज
1.मनोज भारती (अध्यक्ष जन सुराज पार्टी)
2.रह्मांशु मिश्रा, कोचिंग संचालक
3. निखिल मणि तिवारी
4. सुभाष कुमार ठाकुर
5. शुभम स्नेहिल
6. प्रशांत किशोर ( एवं 2 बाउंसर जो प्रशांत किशोर के साथ थे)
7. आनंद मिश्रा
8. आर के मिश्रा ( राकेश कुमार मिश्रा )
9. विष्णु कुमार
10. सुजीत कुमार (सुनामी कोचिंग)
सहित कुल 21 नामजद और 600–700 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच हुई झड़प में महिला अभ्यर्थी समेत आठ घायल हो गए जिन्हें पीएमसीएच ले जाया गया। वहीं 12 अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया है।
क्या बोले थे पीके
छात्रों के इस प्रदर्शन के दौरान शाम सात बजे प्रशासन ने उदघोषणा की कि मुख्य सचिव ने छात्रों को वार्ता के लिए बुलावा भेजा है। पीके ने छात्रों से कहा कि पांच अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा। संतुष्ट नहीं हुए तो सोमवार को छात्रों से बात कर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। मीडिया ने पूछा कि सीएम से वार्ता क्यों नहीं, तो उन्होंने कहा कि हम यहां रास्ता निकालने आए हैं।
पटना में खूब हुआ बवाल
गांधी मैदान इलाके में बीपीएससी अभ्यर्थी 9 घंटे तक डटे रहे। दिन के करीब 11 बजे के आसपास अभ्यर्थियों का जमावड़ा गांधी मैदान में शुरू हो गया। इसके बाद रात आठ बजे तक आसपास के इलाके में गहमागहमी बनी रही। इस दौरान तीन घंटे तक जेपी गोलंबर रणक्षेत्र में तब्दील रहा।मार्च को लेकर अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच कई बार धक्का-मुक्की हुई। कभी छात्र आग बढ़ रहे थे तो कभी पुलिस उन्हें पीछे धकेल रही थी।
पुलिस के ऐक्शन के बाद अफरातफरी
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पहले बिस्कोमान के सामने रोकने को प्रयास किया पर धक्का-मुक्की के बाद अभ्यर्थी आगे बढ़ गए। वहीं जेपी गोलंबर के पास बैरिकेडिंग कर मार्च को रोका गया। शाम सात बजे प्रशासन ने उदघोषणा की कि मुख्य सचिव ने छात्रों को वार्ता के लिए बुलावा भेजा है। पीके ने छात्रों से कहा कि पांच अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा। संतुष्ट नहीं हुए तो सोमवार को छात्रों से बात कर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। लेकिन मुख्य सचिव से वार्ता के लिए कोई नहीं गया। प्रशांत किशोर भी इस मार्च से निकल गए।
शाम साढ़े सात बजे के बाद प्रशासन ने मार्च को अवैध घोषित करते हुए छात्रों से लौटने की अपील की। माइकिंग की गई। छात्र नहीं हटे। आखिरकार बल प्रयोग किया। पहले वाटर कैनन से पानी की बौछार की गई। फिर लाठीचार्ज किया गया। पुलिस का एक्शन शुरू होने के बाद अफरातफरी मच गई। फ्रेजर रोड, एसपी वर्मा रोड से लेकर रामगुलाम चौक तक अफरातफरी का माहौल बना रहा।