Hindi Newsबिहार न्यूज़Pashupati Paras demands his rights in NDA RLJP claim on Tarari seat in Bihar by election

सुनील पांडे के कंधे पर चढ़कर पशुपति पारस ने बीजेपी को आंख दिखाई, रालोजपा ने चार में एक सीट मांगी

बिहार की चार विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं। इनमें से भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट पर पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा ने दावा ठोक दिया है।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, पटनाFri, 9 Aug 2024 02:13 PM
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लोकसभा चुनाव 2024 में साइडलाइन किए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अपना हक मांगना शुरू कर दिया है। पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) ने बिहार में चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में से एक सीट पर अपना दावा ठोक दिया है। यह भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट है। यहां से चार बार विधायक रह चुके सुनील पांडे अभी रालोजपा में हैं। पारस ने उन्हीं के कंधे पर चढ़कर बीजेपी को आंख दिखाई है। 

रालोजपा ने तरारी में उपचुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि तरारी पर हमारा दावा स्वाभाविक है। पिछले लोकसभ चुनाव में एक भी सीट नहीं दिए जाने के बावजूद रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस ने अपना वादा निभाया और एनडीए में ही बने रहने का फैसला लिया था। ऐसे में उपचुनाव में तरारी सीट रालोजपा को ही मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि रालोजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील पांडे इस सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 63 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। 2015 के चुनाव में भी लोजपा की उम्मीदवार गीता पांडेय तरारी में महज 272 वोटों से हारी थीं।

बता दें कि तरारी विधानसभा सीट एनडीए के अंदर पूर्व में जेडीयू के पास रही। सुनील पांडे जेडीयू के टिकट पर ही चुनाव लड़ते और जीतते भी रहे। 2020 के विधानसभा चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई। पार्टी ने यहां से कौशल कुमार को टिकट दिया था। पिछले चुनाव में सीपीआई माले के सुदामा प्रसाद जीते। बीजेपी यहां पर तीसरे नंबर पर रही, जबकि निर्दलीय सुनील पांडे दूसरे स्थान पर रहे। पांडे 2000 से 2010 के बीच लगातार तरारी से चुनाव जीतते रहे। 

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दूसरी ओर, लोकसभा चुनाव में दरकिनार किए जाने से नाराज पशुपति पारस अब अपने तेवर बदलने लगे हैं। पारस ने नाराज होकर केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मगर बाद में एनडीए में ही बने रहने का ऐलान किया था। हालांकि, अब धीरे-धीरे उनके तेवर बदलने लगे हैं। पिछले दिनों उन्होंने संकेत दे दिए थे कि अगर उन्हें एनडीए में उचित सम्मान नहीं मिला तो वे बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अगले चुनाव में प्रत्याशी उतार देंगे। बिहार चुनाव 2025 से पहले इस साल होने वाले चार सीटों पर उपचुनाव में उन्होंने एक सीट भी मांग ली है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव में चार विधायकों के सांसद बनने के बाद बिहार में जल्द ही खाली हुई सीटों पर उपचुनाव होंगे। तरारी के अलावा रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज सीट पर उपचुनाव होगा। इसे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। बेलागंज में जेडीयू, तो इमामगंज में हम का उम्मीदवार उतरना तय माना जा रहा है। वहीं, तरारी और रामगढ़ सीट पर बीजेपी कैंडिडेट की तलाश कर रही है। इसमें से तरारी सीट पर अब रालोजपा ने दावा ठोक कर बीजेपी की मुश्किल बढ़ा दी है। पशुपति पारस की पार्टी सुनील पांडे को ही तरारी से उम्मीदवार बनाना चाहती है। 

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