बिहार में कुल कितने मठ मंदिर, मधुबनी में सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड तो दरभंगा में एक भी नहीं
वेबसाइट पर राज्य के 38 में से 35 जिलों के मठ-मंदिरों का ब्योरा उपलब्ध है। सबसे अधिक 5874 एकड़ जमीन पूर्वी चंपारण के मठ-मंदिरों के पास है। हालांकि, यहां मठ-मंदिरों की संख्या 137 है।
बिहार में मधुबनी जिले में सबसे अधिक पंजीकृत मठ मंदिर हैं। हालांकि, पूर्वी चंपारण के मठ-मंदिरों के पास जमीन ज्यादा है। वहीं, दरभंगा में एक भी मठ-मंदिर पंजीकृत नहीं हैं। राज्य के मंदिर और मठ की जमीन से संबंधित आंकड़े 35 जिलों ने विधि विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। अभी तीन जिलों ने यह आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया है। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार पूरे राज्य में पंजीकृत मठ-मंदिरों की संख्या 4371 है। इनके पास करीब 29 हजार एकड़ जमीन उपलब्ध है।
इनका पंजीकरण धार्मिक न्याय बोर्ड में होता है। लक्ष्य है कि मठ-मंदिर की जमीन गैर-कानूनी तरीके से नहीं बेची जाए। वेबसाइट पर राज्य के 38 में से 35 जिलों के मठ-मंदिरों का ब्योरा उपलब्ध है। सबसे अधिक 5874 एकड़ जमीन पूर्वी चंपारण के मठ-मंदिरों के पास है। हालांकि, यहां मठ-मंदिरों की संख्या 137 है। वहीं, मधुबनी में 163 मठों-मंदिरों के पास 2,385 एकड़ जमीन है। जबकि पड़ोसी जिला दरभंगा में एक भी मठ-मंदिर पंजीकृत नहीं है। सीतामढ़ी तीसरे नंबर पर है। जिले में मठों-मंदिरों की संख्या 122 और जमीन का रकबा 2 हजार 25 एकड़ है।
छोटा जिला कैमूर चौथे नंबर पर है। इस जिला में पंजीकृत 22 मठों-मंदिरों के पास 656 एकड़ जमीन है। जबकि गैर पंजीकृत मठों के पास 813 एकड़ जमीन है। कुल रकबा 1 हजार 469 एकड़ है। लखीसराय में 934 एकड़, सहरसा में 866 एकड़, वैशाली में 820 एकड़, पश्चिमी चंपारण में 822 एकड़ और मधेपुरा में 975 एकड़ जमीन मठ-मंदिरों के पास है।
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