बिहार में 90 दिन में 110 अस्पताल खोलने का ऐलान, 5 जिला मॉडल समेत PHC भी शामिल
स्वास्थ्य मंत्री ने स्टॉफ नर्स की ट्रेनिंग के संबंध में कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2024 तक राज्य में 50 प्रतिशत स्किल बर्थ अटेंडेंट हों। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्टाफ की ट्रेनिंग ज्यादा से ज्यादा कराई जाए। साथ ही मरीजों की जांच पर भी ध्यान केंद्रित किया जाए।
बिहार में 110 नए अस्पताल खुलेंगे। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध में शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में राज्य स्तरीय समीक्षा में यह बात सामने आयी। उन्होंने बताया कि 400 करोड़ की लागत से निर्मित राज्य में 110 नए अस्पताल का उद्घाटन 90 दिनों के अंदर होगा। इसमें 5 जिला मॉडल अस्पताल सहित मातृ शिशु अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि 69 एफआरयू कार्यरत हैं और जल्द ही 40 नए यूनिट कार्यरत हो जाएंगे।
स्वास्थ्य सेवाओं में ये यूनिट एक अभिन्न अंग के तौर पर कार्यरत हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने स्टॉफ नर्स की ट्रेनिंग के संबंध में कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2024 तक राज्य में 50 प्रतिशत स्किल बर्थ अटेंडेंट हों। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्टाफ की ट्रेनिंग ज्यादा से ज्यादा कराई जाए। साथ ही मरीजों की जांच पर भी ध्यान केंद्रित किया जाए। पैथेलॉजी जांच की उपलब्धता सुनिश्चित हो। पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को सुचारू रूप से लागू करने का निर्देश देते हुए मंत्री ने कहा कि अवैध अबॉर्शन क्लिनिक और अवैध अल्ट्रासाउंड क्लिनिक को चिह्नित कर जल्द से जल्द बंद करने की कार्रवाई की जाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मार्च 2025 तक बिहार में हाइड्रोसील की समस्या खत्म करने का लक्ष्य है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हाइड्रोसील और फाइलेरिया से संबंधित दिए गए टास्क को पूरा करें। स्वास्थ्य संस्थानों में संचालित अल्ट्रासाउंड मशीनों से कितनी सोनोग्राफी की जा रही है इसकी पूरी रिपोर्ट लेकर अनिवार्य रूप से इसकी मासिक बैठक करें, ताकि जरूरतमंदों को इस सुविधा का लाभ मिले।
पर्याप्त दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश
मंत्री ने पर्याप्त दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, मातृ-मृत्यु दर, जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा करते हुए मंत्री ने अधिकारियों को मॉनीटरिंग का निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, सचिव संजय कुमार सिंह, बीएमएसआईसीएल के एमडी धर्मेंद्र कुमार व राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत मौजूद थे।