आईबी अफसर की तेरहवीं पर ही हुआ ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमले में गई थी जान
पहलगाम आतंकी हमले में बिहार के रहने वाले आईबी अफसर मनीष रंजन की जान चली गई। इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात को ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इसी दिन मनीष की तेरहवीं भी थी।

पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आईबी के अधिकारी मनीष रंजन की तेरहवीं 6 मई को थी। भारतीय सेना ने उनकी तेरहवीं की रात ही ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके एवं पाकिस्तान में स्थित आतंकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक की। बुधवार सुबह मनीष के परिजन और ग्रामीणों को जब ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी मिली तो उन्होंने भारतीय सेना के पराक्रम की सराहना की। दिवंगत मनीष के परिजन ने कहा- हमें इसी दिन का इंतजार था। भारतीय सेना पर हमें गर्व है।
मनीष का पैतृक घर बिहार के रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के अरूही गांव में है। मनीष रंजन के पिता मंगलेश मिश्रा इन दिनों पश्चिम बंगाल के झालदा में हैं, जहां मनीष का श्राद्ध कर्म किया गया। उन्होंने कहा कि फिलहाल वह कुछ भी प्रतिक्रिया देने में असमर्थ हैं।
मनीष के चाचा अरविंद मिश्रा ने कहा कि जब उन्हें सेना के ऑपरेशन की जानकारी मिली तो संतोष हुआ कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए कि भविष्य में हमारे परिवार की तरह फिर किसी परिवार को ऐसा दिन देखना न पड़े। उनके परिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गर्व है। साथ ही पक्ष और विपक्ष सभी दलों पर गर्व है कि सभी आज एकजुट हो आतंकवाद के खात्मे के लिए साथ खड़े हैं। अरूही गांव में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा बच्चे-बच्चे की जुबान पर है।
हैदराबाद में पोस्टेड आईबी अफसर मनीष रंजन अपने परिवार के साथ छुट्टी पर जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे। पिछले महीने पहलगाम में आतंकियों ने मनीष रंजन को उनकी पत्नी और बच्चों के सामने गोली मार दी थी।