DIG से नीचे रैंक के अधिकारी दर्ज नहीं कर सकेंगे आय से अधिक संपत्ति का केस, निगरानी विभाग का आदेश
भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई से पहले विभाग के अवर सचिव या इसके ऊपर रैंक के अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। डीआईजी रैंक से नीचे के अधिकारी किसी संदिग्ध लोकसेवक पर आय से अधिक संपत्ति (डीए) का केस दर्ज नहीं करा सकेंगे।
राज्य में भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई से पहले विभाग के अवर सचिव या इसके ऊपर रैंक के अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। साथ ही डीआईजी रैंक से नीचे के अधिकारी किसी संदिग्ध लोकसेवक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए के तहत आय से अधिक संपत्ति (डीए) का केस दर्ज नहीं करा सकेंगे। केस दर्ज करने की अनुमति डीआईजी रैंक के अधिकारी ही निर्धारित फॉर्मेट में भरकर ही लेंगे। अलग-अलग रैंक के अधिकारियों या जन प्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए डीआईजी से ऊपर रैंक के यानी डीजीपी या समकक्ष रैंक तक के अधिकारियों की श्रेणीवार जिम्मेवारी सौंपी गई है।
आय से अधिक संपत्ति को लेकर कार्रवाई मामले में तीन साल पूर्व ही केंद्रीय कार्मिक और पेंशन मंत्रालय ने विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया था। अब उसका अक्षरश: पालन करने का निर्देश निगरानी विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने राज्य सरकार के सभी महकमों के प्रधान को दिया है। आदेश की प्रति सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव से लेकर राज्यपाल के प्रधान सचिव, डीजीपी, सभी प्रमंडलीय आयुक्त और डीएम को भेजी है।
विभागीय स्तर से जारी इस पत्र में किसी लोकसेवक के खिलाफ डीए केस में कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के स्तर से निर्धारित मानकों का पालन (एसओपी) करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें डीएस केस दर्ज कर जांच करने वाली एजेंसी मसलन निगरानी ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई और ईओयू जैसी इकाइयों के साथ ही सभी विभागों को खासतौर से नियम का पालन पूरी सख्ती से करने का निर्देश दिया है।
फॉर्मेट में क्या रहेगा?
जिस पदाधिकारी पर डीए केस चलाने की अनुमति चाहिए, उसका विवरण संबंधित पुलिस अधिकारी को निर्धारित फॉर्म में भरकर जमा करना अनिवार्य होगा। इस फॉर्मेट में विभाग का नाम, अधिकारी का नाम, पदनाम एवं विभाग, ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर भरकर देना होगा।
ये अधिकारी कर सकते डीए का केस
1- डीजीपी या समकक्ष- केंद्रीय मंत्री, कैबिनेट मंत्री या इनके समकक्ष, लोकसभा सांसद, मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री, विधायक, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीश, केंद्र एवं राज्य के अधीन किसी बोर्ड, निगम या अन्य किसी लोक उपक्रम के अध्यक्ष या प्रबंध निदेशक तथा वैसे सभी लोकसेवक जिनका वेतनमान सातवां वेतनमान के बाद लेवल-16 या इससे ऊपर के लेवल में आता है।
2- एडीजी या समकक्ष- 14 एवं 15 लेवल (सचिव एवं प्रधान सचिव) का वेतनमान प्राप्त करने वाले सभी लोकसेवक, किसी बोर्ड निगम या किसी पब्लिक सेक्टर बैंक के जीएम, निदेशक समेत अन्य समकक्ष पद के व्यक्ति।
3- आईजी- 11 से 13 लेवल (संयुक्त सचिव, अवर सचिव समेत अन्य) तक का वेतनमान प्राप्त करने वाले सभी लोकसेवक और किसी लोक उपक्रम या बैंक के मध्यम स्तरीय प्रबंधक।
4- डीआईजी- 11 लेवल से नीचे तक के सभी स्तर के लोकसेवक, लोक उपक्रम के नीचले स्तर के प्रबंधक के अलावा अन्य सभी स्तर के लोक सेवक।