अब घरों में भी रुकेंगे टूरिस्ट, मुख्यमंत्री होम स्टे योजना पर नीतीश कैबिनेट में लगी मुहर; जानिए पूरी डिटेल
- नीतीश कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री होम स्टे योजना को मंजूरी मिल गई है। जिसके तहत अब टूरिस्ट गांवों और शहरों के घरों में सस्ते दामों पर ठहर सकेंगे। इसके लिए मकान मालिकों को पर्यटन विभाग से निबंधन कराना होगा।
नीतीश कैबिनेट की बैठक में आज 36 प्रस्तावों पर मुहर लगी। जिसमें एक अहम योजना भी स्वीकृत की गई। मुख्यमंत्री होम स्टे, ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना-2024 को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है। जिसके तहत अब बिहार आने वाले पर्यटक गांव और शहरों के घरों में भी ठहर सकेंगे। योजना के तहत घरों के एक हिस्से को गेस्ट हाउस में तब्दील किया जाएगा। जिसके तहत एक से लेकर 6 कमरे और 2 से लेकर 12 बेड वाले होने अनिवार्य है। साथ है ब्रेड और ब्रेकफास्ट भी शामिल होगा।
इस योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के मकान मालिकों को पर्यटन विभाग से निबंधन कराना होगा। जिसमें ये देखा जाएगा कि पर्यटन स्थल से संबंधित घर की दूरी कितनी है? कितने कमरों का घर है? वहां कौन-कौन सी सुविधाएं हैं? सुरक्षा औ सफाई की क्या व्यवस्था है। साथ ही शहरी क्षेत्र में पर्यटन केंद्र से अधिकतम 5 किमी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 10 किमी की दूरी में आने वाले घर इस योजना के तहत जुड़ सकते हैं।
इस योजना से जुड़ने वाले मकान मालिकों की राज्य सरकार भी मदद करेगी। जिसके तहत लोन का ढाई लाख रूपए तक का ब्याज राज्य सरकर देगी। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ाने के लिए नीतीश सरकार की ये बड़ी पहल है। इस योजना के तहत प्रखंड विकास पदाधिकारी अब पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी होंगे। उनके साथ प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी अतिरिक्त कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में काम करेंगे। अतिरिक्त कार्यपालक पदाधिकारी को कुछ प्रशासनिक अधिकार भी दिए गए हैं।
योजना में शामिल होने वाले ग्रामीणों को पर्यटन विभाग की ओर से ट्रेनिंग भी दी जाएगी। जिसमें बताया जाएगा कि टूरिस्टों से कैसा व्यवहार करना है, कैसे बात करनी, साथ अतिथि देवो भव: के संकल्प को भी निभाना होगा। इस योजना से गांवों के युवाओं को भी रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री होम स्टे योजना का मकसद पर्यटकों को सस्ते दामों पर ठहरने की व्यवस्था कराना और ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।