बिहार के हर जिले में STF का अपना कार्यालय. बालू और शराब माफिया पर शिकंजे की तैयारी
इससे एसटीएफ की ताकत जिलों में बढ़ जाएगी। बालू माफिया, शराब माफिया, हथियार तस्करी एवं अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त गिरोहों पर नकेल कसने में कामयाबी मिलेगी।
बिहार के हर जिले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का अपना कार्यालय होगा। बिहार पुलिस ने विभिन्न जिलों में संगठित अपराध करने वाले गिरोहों पर शिकंजा कसने के लिए यह निर्णय लिया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आलोक राज ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जिलों में एसटीएफ को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। इससे एसटीएफ की ताकत जिलों में बढ़ जाएगी। बालू माफिया, शराब माफिया, हथियार तस्करी एवं अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त गिरोहों पर नकेल कसने में कामयाबी मिलेगी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के खालीपन को भरती है एसटीएफ
एसटीएफ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के खालीपन को भरने, नक्सलियों की आपूर्ति लाइन काटने, नक्सली प्रभाव और गतिशीलता के क्षेत्र को सीमित करने की कार्रवाई करती है। इसके लिए कई सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। एसटीएफ के अभियानों में वर्ष 2022 में छह इनामी समेत 57 नक्सली गिरफ्तार किए गए थे। नक्सली गतिविधि राज्य के मैदानी क्षेत्रों से पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानांतरित हो चुका है। वर्तमान में नक्सली गतिविधि बिहार-झारखंड के सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों तक ही सीमित है। वहीं, एसटीएफ के अभियानों के तहत वर्ष 2022 में 19 इनामी अपराधियों समेत 283 अति वांछित अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
बोधगया में है एसटीएफ का ट्रेनिंग सेंटर
राज्य में एसटीएफ की ट्रेनिंग के लिए बोधगया में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है। यहां नियमित प्रशिक्षण का कार्य शुरू हो चुका है। इसके पहले तेलंगाना के हैदराबाद स्थित ग्रेहाउंड्स, आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम तथा हरियाणा के मनेसर स्थित एनएसजी सेंटर में एसटीएफ के उच्च प्रशिक्षण प्राप्त पदाधिकारी और कमांडो प्रशिक्षित किए जाते थे।
तीन-चार जिलों पर एसओजी और पांच जिलों में अभियान भवन
वर्तमान में तीन-चार जिलों पर एक स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) गठित है। वहीं, मात्र पांच जिलों में एसटीएफ के लिए अभियान भवन है। इन जिलों में पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया और जमालपुर (मुंगेर) शामिल है। इन जिलों के अभियान भवनों में आसपास के संबंधित जिलों के एसटीएफ कर्मियों के लिए कार्यस्थल उपलब्ध हो पाता है, जबकि एसटीएफ की कार्रवाई स्थानीय आसूचना आधारित एवं गुप्त तरीके से संचालित की जाती है। अभियान में थोड़ी सी भी गलती होने पर आपराधिक गिरोहों में शामिल अपराधियों को भागने एवं मुठभेड़ की तैयारी करने का मौका मिल जाता है।