Hindi Newsबिहार न्यूज़Nitish minister Ratnesh Sada warns Excise officer for negligence in liquor ban CCA on mafia

शराबबंदी की बैंड बजा रहे अधिकारी? नीतीश के मंत्री का बड़ा बयान, माफिया पर लगेगा सीसीए

मंत्री रत्नेश सदा ने मद्य निषेध विभाग के कई अधिकारियों के काम काज पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जरूरत पड़ी से सरकार इनके खिलाफ ऐक्शन लेने से भी नहीं हिचकेगी। उन्होंने कार्य में लापरवाही और कम गिरफ्तारी करने पर बेतिया, सुपौल और बांका के मद्यनिषेध अधीक्षकों की कार्य प्रणाली पर असंतोष जताया।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, पटनाFri, 20 Dec 2024 11:03 AM
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बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए बिहार सरकार सख्त है। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। नीतीश सरकार में मद्य निषेध विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य के बड़े शराब माफियाओं को चिह्नित कर उनपर अपराध नियंत्रण अधिनियम (सीसीए) के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही इन शराब माफिया की संपत्ति की जांच कर उसे जब्त भी किया जाएगा। गुरुवार को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री रत्नेश सदा ने अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक में भाग लिया और शराबबंदी को सख्ती से लागू करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया।

मंत्री रत्नेश सदा ने मद्य निषेध विभाग के कई अधिकारियों के काम काज पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जरूरत पड़ी से सरकार इनके खिलाफ ऐक्शन लेने से भी नहीं हिचकेगी। उन्होंने कार्य में लापरवाही और कम गिरफ्तारी करने पर बेतिया, सुपौल और बांका के मद्यनिषेध अधीक्षकों की कार्य प्रणाली पर असंतोष जताया। रत्नेश सदा ने विभागीय समीक्षा के दौरान तल्ख लहजे में कहा कि इस बैठक के माध्यम से न केवल लापरवाह अधिकारियों को संदेश देना है कि अपने कम में कोई कोताही नहीं बरतें। उन्होंने शराब माफिया को भी कड़ा संदेश दिया कि उनके खिलाफ सीसीए के तहत सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने राज्य में नशे के अन्य रूपों पर भी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि नशे के सभी साधनों की निगरानी करें। उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक माह के दूसरे सोमवार को समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। इसके लिए आवश्यक तैयारी करने निर्देश मंत्री ने अधिकारियों को दिया।

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बताते चलें कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर साल 2026 में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किया गया। कहा जाता है महिलाओं की मांग पर उन्होंने यह कदम उठाया। इसकी सफलता के लिए पूरे बिहार में मानव श्रृंखला बनाई गयी। कानून के तहत राज्य की सीमा के अंदर शराब का निर्माण, भंडारण, ट्रांसपोर्ट, पीना, पिलाना, बेचना सब गैर कानूनी है। लेकिन हैरानी की बात है कि राज्य में हर साल लाखों लीटर अवैध शराब की बरामदगी की जाती है और हजारों की संख्या में शराबबंदी कानून तोड़ने के आरोप में जेल जाते हैं। अक्सर देशी और विदेशी शराब के खेप पकड़े जाते हैं और जहरीली शराब पीने से 2016 से अबतक बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है।

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