बिहार दौरे पर निर्मला सीतारमण, ग्रामीण बैंकों से कहा- मुद्रा योजना और कृषि लोन बांटने में तेजी लाएं
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पटना में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के ग्रामीण बैंकों के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को दो दिवसीय बिहार दौरे पर पहुंचीं। पटना में पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 ग्रामीण बैंकों की समीक्षात्मक बैठक में वह शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण बैंकों से कहा कि वे जमीनी स्तर पर किसानों को ऋण (लोन) बांटने में अपनी हिस्सेदारी बढाएं। भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं जैसे मुद्रा योजना इत्यादि के तहत ऋण वितरण में बढ़ोतरी करें। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को मत्स्य पालन और मखाना की खेती के लिए कर्ज को बढ़ावा देने के लिए कहा गया। इसके अलावा ग्रामीण बैंकों में टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने और डिजिटलाइजेशन का विस्तार करने को कहा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण बैंकों को सशस्क्त बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बैंकों के डिजिटलीकरण का विस्तार किया जाए। ताकि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में ग्रामीण बैंक सहायक सिद्ध हो। यह ग्रामीण बैंकों के एकीकरण के क्रम में किया जाए। केंद्रीय वित्त मंत्री अपने दो दिवसीय बिहार दौरे के क्रम में शुक्रवार की सुबह पटना पहुंचीं। इसके बाद वो सीधे स्थानीय होटल में आयोजित पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ ग्रामीण बैंकों की समीक्षात्मक बैठक में शामिल हुईं। इसमें बिहार और ओडिशा के दो-दो, झारखंड के एक और पश्चिम बंगाल के तीन ग्रामीण बैंकों के अधिकारी शामिल हुए।
इस बैठक में ग्रामीण बैंकों में एनपीए की स्थिति और उनके द्वारा ग्राहकों को कितना ऋण दिया गया है इसको लेकर समीक्षा की गई। बैठक में प्रायोजक व्यावसायिक बैंक प्रतिनिधियों को ग्रामीण बैंक के टेक्नोलॉजीज अपग्रेडेशन में सहयोग करने का निर्देश दिया गया। बैठक में बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं अन्य अधिकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिकारी,नाबार्ड के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री दरभंगा के लिए रवाना हो गई। वहां वो आउटरीच कार्यक्रम में शामिल होंगी।
बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि डबल इंजन सरकार होने से राज्य को काफी फायदा मिल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दो दिवसीय बिहार दौरा हाशियाग्रस्त और जरुरतमंद लोगों में जागरूकता बढ़ाकर योजनाओं का सर्वोत्तम लाभ देने का एक सराहनीय प्रयास है। 2013 में जहां ऋण-जमा अनुपात 30 प्रतिशत था, वहीं आज यह करीब 2 गुना बढ़कर 58 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इस कारण असंगठित क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में गुणात्मक सुधार हुआ है।