Hindi Newsबिहार न्यूज़Night Blood Survey in 24 districts of Bihar before Mass Drug Administration of Anti Filarial Drugs

बिहार में नाइट ब्लड सैंपल सर्वे, 12 बजे रात तक लेंगे 20 साल से बड़े लोगों के खून का नमूना

  • बिहार में 15 नवंबर से 30 नवंबर तक रात 8.30 बजे से आधी रात 12 बजे तक नाइट ब्लड सर्वे चलेगा। 20 साल से ऊपर के लोगों के खून का नमूना लिया जाएगा। सर्वे से तय होगा कि कहां फाइलेरिया की दवा खिलानी है। फोटो साभार- CASA India

Ritesh Verma हिन्दुस्तान टाइम्स, रुचिर कुमार, पटनाTue, 29 Oct 2024 04:43 PM
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बिहार के 24 जिलों में छठ महापर्व के बाद नाइट ब्लड सर्वे का अभियान शुरू होगा जिसके तहत रात 8.30 बजे से आधी रात 12 बजे तक 20 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का रैंडम तरीक से ब्लड सैंपल लिया जाएगा। रात में खून की जांच का नमूना लेने के इस अभियान से सरकार को यह पता करने में मदद मिलेगी कि लिम्फ़ैटिक फाइलेरियासिस (एलिफ़ैंटियासिस) का संक्रमण कितना फैल रहा है। आम लोगों के बीच हाथी पांव नाम से पहचानी जाने वाली फाइलेरिया की बीमारी बिहार के 38 जिलों में पाई जाती है।

फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर परमेश्वर प्रसाद ने बताया है कि 15 नवंबर से 30 नवंबर के बीच यह ब्लड सैंपल सर्वे चलेगा। उन्होंने बताया कि खून का नमूना 20 साल से ऊपर के लोगों से रात 8.30 बजे से 12 बजे के बीच लिया जाएगा। 24 जिलों के अंदर 350 यूनिट इस अभियान में जुटेगी। इन इलाकों में अगले साल फरवरी से एंटी फाइलेरियल ड्रग्स का डोज आम लोगों को अभियान चलाकर (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) दिया जाएगा। बिहार के 38 फाइलेरिया प्रभावित जिलों में अररिया को छोड़कर बाकी 13 जिलों में अगस्त में ही आम लोगों को डोज दिया जा चुका है।

लिम्फैटिक फाइलेरिया से प्रभावित मरीजों का भी बनेगा यूडीआईडी कार्ड

डॉक्टर प्रसाद ने कहा कि अररिया के सारे प्रखंडों में माइक्रोफाइलेरिया की प्रसार दर एक फीसदी से नीचे आ गई है। किशनगंज और मधेपुरा जिले में एक-एक ब्लॉक को छोड़ दें तो वहां भी ये रेट 1 परसेंट से कम हो गई है। उन्होंने बताया कि ब्लड सैंपल सर्वे टीम एक जगह से 300 लोगों के खून के नमूने लेगी और पता करेगी कि वहां के लोगों में माइक्रोफाइलेरिया का संक्रमण है या नहीं। रात में चलने वाले इस सर्वेक्षण के नतीजों से यह तय होगा कि फरवरी में किन-किन जिलों में दवाओं की डोज देने का अभियान चलेगा। उन्होंने बताया कि इस सर्वे से यह भी पता चलेगा कि पहले जो दवा दी गई, उसका असर कैसा है। बिहार में 2004 से यह दवा हर साल लोगों को दी जा रही है।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए नालंदा समेत 20 जिलों में बनेगा पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफॉर्म

राष्ट्रीय स्तर पर साल में दो बार 10 फरवरी और 10 अगस्त को मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कैंपेन चलता है। ब्लड सैंपल को 7 दिसंबर तक जमा करना है और 30 दिसंबर तक नमूनों की जांच हो जाएगी। बिहार में फाइलेरिया से जुड़ी लिम्फोडेमा के 1.60 लाख और हाइड्रोसील के 22 हजार केस मिले हैं। केंद्र सरकार ने 2027 तक फाइलेरिया की बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है।

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