एक्शन में बिहार के नये डीजीपी आलोक राज, अफसरों के लिए क्या हैं पुलिस चीफ के 'स' से जुड़े 6 टिप्स?
बिहार के नये डीजीपी के रूप में आईपीएस अधिकारी आलोक राज ने विधिवत प्रभार ग्रहण कर लिया है। उन्होंने शुक्रवार को आरएस भट्टी से चार्ज लिया जिन्हें सीआईएसएफ का डीजी बनाया गया है। इसके साथ ही नए डीजीपी एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने राज्य के सभी पुलिस पदाधिकारियों को ‘स’ अक्षर से जुड़े छह टिप्स दिए।
बिहार के नये डीजीपी के रूप में आईपीएस अधिकारी आलोक राज ने विधिवत प्रभार ग्रहण कर लिया है। उन्होंने शुक्रवार को आरएस भट्टी से चार्ज लिया जिन्हें सीआईएसएफ का डीजी बनाया गया है। इसके साथ ही नए डीजीपी एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने राज्य के सभी पुलिस पदाधिकारियों को ‘स’ अक्षर से जुड़े छह टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि कामयाब और सार्थक पुलिसिंग के लिए इन्हें अपने कार्यकलाप में उतारना होगा।
पहला 'स' है समय। अर्थात रिस्पांश टाइम जितना अच्छा होगा, पुलिसिंग उतनी अच्छी होगी। दूसरा, स से सार्थक अर्थात कार्रवाई करें वो सार्थक हो, वो नजर आए कि कार्रवाई हुई है, अपराधियों में खौफ आए कि पुलिस ने कार्रवाई की है। तीसरा, स से संवेदनशीलता। उन्होंने कहा कि मेरी अपेक्षा होगी पुलिस पदाधिकारी व कर्मी संवेदनशील हों, पीड़ितों के प्रति उनकी संवेदनशीलता दिखनी चाहिए, पीड़ित व्यक्ति पुरुष हो या महिला, कंप्लेन लेकर आता है तो हमारा दायित्व बनता है कि उनकी बातों को सुनें और संवेदनशीलता बरतें। चौथा, स से सख्ती, अगर हम सख्ती नहीं रखेंगे, तो अपराधी हम पर भारी होंगे। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि वे अपनी कार्रवाई में सख्ती लाएं ताकि हम अपने आप को इतना मजबूत करें कि अपराधी खौफ खाएं। पांचवा, स से सत्यनिष्ठा, अगर हम सत्यनिष्ठ और अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार नहीं होंगे तो बिहार की जनता की जो अपेक्षा है, उसे हम पूरा नहीं कर पाएंगे। इसके बाद, छठा, स से स्पीडी ट्रायल हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समय से कांडों का अनुसंधान कर समय पर आरोप पत्र समर्पित करें और उसके पश्चात स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाएं। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस एरिया होगा निरोधात्मक पुलिसिंग की कार्रवाई, अपराध की रोकथाम और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई, अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलाना। आलोक राज ने बताया कि इसके पूर्व निगरानी ब्यूरो में उन्होंने इसका पालन कराया है।
उन्होंने पदाधिकारियों से फोकस एरिया में प्रीवेंशन एवं डिटेक्शन ऑफ क्राइम पर फोकस करने का अनुरोध किया। बिहारवासियों से पुलिस को सहयोग करने की अपील की और कहा कि बिहार की जनता व पुलिस साथ-साथ काम करेगी। मीडिया से बात करते हुए डीजीपी आलोक राज ने कहा कि जनता के जरूरी काम के लिए उनका ऑफिस हमेशा खुला रहेगा। कहा कि पुलिस लोगों को अधिक से अधिक और बेहतर सेवा देगी। जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में है।
बिहार से सीखी पुलिसिंग काम आएगी
पूर्व डीजीपी आरएस भट्टी को फुलवारीशरीफ के मिथिलेश स्टेडियम स्थित बिहार विशेष सशस्त्रत्त् पुलिस कैंप में परेड समारोह आयोजित कर विदाई दी गयी। शुक्रवार को आयोजित इस समारोह में भट्टी ने कहा कि पुलिसिंग के जमीनी अनुभव मैंने बिहार में ही सीखे और अब केंद्र में इन अनुभवों का प्रयोग करुंगा। बिहार पुलिस के हर जवान के लिए मेरा दरवाजा खुला है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार पुलिस में कोई कमी नहीं है। सही प्रशिक्षण, सही दिशा, सही लीडरशपि से यह और आगे बढ़ेगी। पुलिस का मनोबल और प्रशिक्षण सही रहेगा तो वह नागरिकों की अपेक्षा की दिशा में सही काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार के पुलिस पदाधिकारी-कर्मियों से अपेक्षा है कि वे अपने आपको न्याय के रक्षक के रूप में देखने की कोशिश करें। जब आपके आचरण, व्यवहार और काम में यह दिखेगा तो क्रिमिनिल जस्टिस सिस्टम का सारा काम आसान हो जायेगा। करीब पौने दो साल के बिहार डीजीपी कार्यकाल में उनके काम के केंद्र बिंदु आम नागरिक और बिहार पुलिस के जवान रहे। थाने में काम कैसे ठीक हो इस पर ध्यान दिया।