Hindi Newsबिहार न्यूज़more than 40 thousand vacancies of anm and doctors in bihar health department

15 हजार से ज्यादा एएनएम, डॉक्टर और फार्मासिस्ट; स्वास्थ्य विभाग में नौकरियों की बहार; 40 हजार से ज्यादा नियुक्तियां

Bihar Jobs: नववर्ष राज्य में चिकित्सा संसाधनों के विकास के लिए जाना जाएगा। राज्य में दूसरा एम्स दरभंगा में आकार लेने लगेगा। वहीं, आईजीआईएमएस, पटना में 1700 नये बेड पर मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी। इनमें 500 बेड साल के पहले माह से ही शुरू हो जाएगा।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाTue, 24 Dec 2024 06:12 AM
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बिहार में नए साल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बंपर बहालियों का दौर शुरू होगा। स्वास्थ्य विभाग के तहत 40 हजार से अधिक पदों पर नई नियुक्ति होनी है। इस वर्ष के अंतिम माह तक इन नियुक्तियों को अंतिम रूप देने में स्वास्थ्य विभाग जुटा रहा। इन नई नियुक्तियों में 50 फीसदी पद आरक्षित वर्ग से भरे जाएंगे। इसके लिए रोस्टर क्लीयरेंस आदि का कार्य हो चुका है। 15 हजार 89 एएनएम की नियुक्त होनी है। वहीं, पांच हजार से अधिक डॉक्टरों, तीन हजार से अधिक फार्मास्टि सहित विभिन्न पदों पर अलग-अलग नियुक्तियां होगी।

नववर्ष राज्य में चिकित्सा संसाधनों के विकास के लिए जाना जाएगा। राज्य में दूसरा एम्स दरभंगा में आकार लेने लगेगा। वहीं, आईजीआईएमएस, पटना में 1700 नये बेड पर मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी। इनमें 500 बेड साल के पहले माह से ही शुरू हो जाएगा। वहीं, पीएमसीएच 25 फरवरी 2025 को 100 वर्षों का हो जाएगा। 25 बेड और 30 मेडिकल छात्रों से शुरू हुआ यह अस्पताल जल्द ही 5500 बेड के साथ विश्व के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल का रूप लेगा। नए वर्ष में यहां इलाज की सुविधाएं बढ़ेंगी। दूसरी ओर, बीत रहा साल 2024 अपनी विभिन्न उपलब्धियों के लिए याद किया जाएगा।

दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स का शिलान्यास कार्यक्रम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में संपन्न हुआ। कई बाधाओं के बाद इस वर्ष इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई। वहीं, इस वर्ष एक हजार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण की सुविधा विकसित की गयी। इस वर्ष राज्य के निजी नर्सिंग शिक्षण संस्थानों की ग्रेडिंग की प्रक्रिया भी शुरू की गयी, जिससे प्रतियोगिता विकसित होगी और राज्य को बेहतर नर्सिंग स्टाफ स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में उपलब्ध होंगे। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार किया है। दंत चिकित्सकों, तकनीशियन एवं अन्य कर्मियों की नई सेवा नियमावली भी बनी है। साथ ही, लंबे इंतजार के बाद इस वर्ष राज्य में फार्मेसी काउंसिल का गठन का कार्य पूरा किया गया।

राज्य सरकार के समक्ष कई चुनौतियां

सरकारी अस्पतालों में आधारभूत संरचना का विकास अब भी राज्य सरकार के समक्ष चुनौती बनी हुई है। स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल तक मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ बुनियादी जरूरतें जैसे.. भवन, बिजली, पानी इत्यादि की सुविधाएं जुटाना चुनौती बनी हुई है। बड़ी संख्या में चिकित्सक एवं नर्सिंग कर्मियों की कमी को जल्द से जल्द दूर किया जाना भी चुनौती बनी हुई है। आबादी के हिसाब से डॉक्टरों की उपलब्धता बिहार में अब भी कम है।

स्वास्थ्य संरचनाओं में भी बढ़ोतरी की आवश्यकता लगातार बनी हुई है। बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की कमी को दूर करना होगा। इसके लिए नर्सिंग संस्थानों की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाना होगा। संविदा के पदों पर होने वाली बहालियों को लेकर भी राज्य स्वास्थ्य समिति को कोई नया तंत्र विकसित करना होगा। पहली बार, सीएचओ की बहाली प्रक्रिया में ऑनलाइन गड़बड़ी सामने आने के बाद से यह सबसे बड़ी चुनौती सामने आ गयी है। इनकी बहाली राज्य स्वास्थ्य समिति अपने स्तर से ही करती है।

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