पहले बहू को घर में सम्मान दें.., तेजस्वी की माई-बहन मान योजना पर विधायक संगीता कुमारी
बागी विधायक संगीता कुमारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘माई-बहन योजना की बात करते हैं तो मुझे लगता है कि पहले अपने घर में ही सम्मान देना चाहिए। जिस तरह से बहू को घर से निकाला गया तो मुझे लगता है कि मां-बहन को सम्मान तो घर में ही नहीं मिला।’
राजद नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में माई-बहन मान योजना का ऐलान किया था। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ऐलान किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो वो महिलाओं के लिए माई-बहन मान योजना लागू करेंगे। इस योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपया देने की बात कही गई थी। तेजस्वी यादव के इस ऐलान के बाद अब तक कई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आई है। अब मोहनिया से राजद की बागी विधायक संगीता कुमारी ने कहा है कि वो पहले घर में बहू को सम्मान दें फिर महिलाओं की सम्मान बात करें।
राजद की ही बागी विधायक संगीता कुमारी मोहनिया में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची थीं। बागी विधायक संगीता कुमारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'माई-बहन योजना की बात करते हैं तो मुझे लगता है कि पहले अपने घर में ही सम्मान देना चाहिए। जिस तरह से बहू को घर से निकाला गया तो मुझे लगता है कि मां-बहन को सम्मान तो घर में ही नहीं मिला। मैं यहीं चाहूंगी कि पहले घर में ही मां-बहुओं को सम्मान मिले तब बिहार में महिलाओं के सम्मान की बात आदरणीय नेता करें। रही बात माई-बहना योजना लाने को लेकर आश्वासन देने की बात तो यह लोग अस्तित्व में आने वाले ही नहीं हैं। माई-बहन का सम्मान कहां होता है, आरजेडी माई-बहन का सम्मान करती ही कहां है?'
विधायक संगीता कुमारी ने भरोसा जताते हुए दावा किया कि साल 2025 में बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही सरकार बनेगी और महिलाएं उनके झांसे में नहीं आएंगी। नीतीश सरकार की तारीफ करते हुए विधायक ने कहा कि बिहार अब प्रगति की राह पर है। यहां सड़कें बन रही हैं और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सुधार हुआ है। नीतीश सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए बागी विधायक संगीता कुमारी ने कहा कि यह एनडीए सरकार की ही देन है कि आज महिलाएं राज्य में शिक्षित हो रही हैं और पुलिस बनकर अपनी सेवा भी दे रही हैं। 15 साल पहले शिल्पी गौतम हत्याकांड की वजह से बच्चियां घर से नहीं निकलती थीं और घरों में दुबकी रहती थीं। लेकिन अब बच्चियां साइकिल चला कर स्कूल में जाती हैं और पढा़ई करती हैं।