Hindi Newsबिहार न्यूज़Model schools will open in every block of Bihar The first bell will be for mathematics the second for reading

बिहार के हर प्रखंड में खुलेंगे मॉडल स्कूल; पहली घंटी गणित, दूसरी रीडिंग की होगी

बिहार के हर प्रखंड में मॉर्डन स्कूल खुलेंगे। पहले वहां के एक विद्यालय का चयन इसके लिए किया जाएगा। फिर इस योजना का विस्तार अनुमंडलों में किया जाएगा। हर अनुमंडल में एक-एक मॉडल स्कूल होंगे। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने दिया।

sandeep हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSat, 21 Dec 2024 08:32 PM
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सभी प्रखंडों में मॉडल विद्यालय खुलेंगे। इसे उत्कृष्ट बनाया जाएगा ताकि अन्य सरकारी विद्यालय उसका अनुशरण कर खुद को बेहतर बना सकें। हालांकि इनका चयन स्थानीय स्तर पर ही किया जाएगा। यह जानकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने दी। वे शिक्षा की बात हर शनिवार में शिक्षकों और बच्चों के सवालों का जवाब दे रहे थे।डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि मॉडल स्कूल बनाने की शुरुआत जिलों से होगी। पहले वहां के एक विद्यालय का चयन इसके लिए किया जाएगा। फिर इस योजना का विस्तार अनुमंडलों में किया जाएगा। हर अनुमंडल में एक-एक मॉडल स्कूल होंगे। आगे इस योजना को प्रखंड तक ले जाने की योजना है। इस योजना के पीछे सभी विद्यालयों को बेहतर बनाना है।

एक अन्य सवाल के जवाब में अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जिलों में जरूरत के अनुसार शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जा सकेगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक जिलास्तरीय स्थापना समिति होगी। यह विभिन्न विद्यालयों में विषय और वर्ग के अनुसार शिक्षकों का अनुपात देखकर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति जरूरत के हिसाब से कर सकेगी। इस समय शिकायतें मिल रही हैं कि कई विद्यालयों में विज्ञान, अंग्रेजी के शिक्षक आवश्यकतानुसार नहीं हैं। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा पढ़ाई के लगातार नये-नये नवाचार किये जा रहे हैं। इनमें से कुछ प्रयोग तो काफी शानदार और प्रेरक हैं। इन्हें शिक्षा विभाग के बेवसाइट पर धीरे-धीरे डाला जाएगा ताकि उसे देखकर अन्य शिक्षक भी उनसे प्रेरणा ले सकें। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहेगी।

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पहली घंटी गणित की, दूसरी रीडिंग की

डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि विद्यालयों में पहली घंटी गणित की होगी, जबकि दूसरी घंटी रीडिंग की होगी। यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके लिए 100 दिन की कार्ययोजना है। 100 दिन 100 घंटे गणित, 100 दिन 100 घंटा रीडिंग के। इसके पीछे उद्देश्य गणित और रीडिंग में बच्चों को सक्षम बनाना है। पिछले दिनों सर्वे में यह बात सामने आई थी कि सरकारी विद्यालय के बच्चे गणित और रीडिंग में कमजोर हैं। हमारी नयी व्यवस्था से उनकी यह कमजोरी दूर हो सकेगी।

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उन्होंने कहा कि अन्य वर्ग संचालित करने की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की जाएगी। इसके अलावा कम्प्यूटर वर्ग को लेकर भी सरकार गंभीर है। संबंधित विद्यालयों में कम्प्यूटर का वर्ग निश्चित रूप से चले, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए।

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