भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा में मेट्रो सेवा कब से? फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने में जुटा राइट्स
बिहार में भागलपुर समेत चार शहरों में मेट्रो संचालन की संभावनाओं को तलाशने का काम तेज हो गया है। नीतीश कैबिनेट से मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और भागलपुर में मेट्रोचलाने की योजना पास हो चुकी है।
बिहार में भागलपुर समेत चार शहरों में मेट्रो संचालन की संभावनाओं को तलाशने का काम तेज हो गया है। नीतीश कैबिनेट से मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और भागलपुर में मेट्रोचलाने की योजना पास हो चुकी है। इसके संचालन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए भागलपुर पहुंची रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) की टीम ने शुक्रवार को शहर में मेट्रो के संभावित रूट की संभावनाओं के संबंध में विचार-विमर्श किया। इसके तहत भागलपुर शहर के सीबीडी एरिया के संबंध में जानकारी हासिल की।
शुक्रवार को राइट्स के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर जयशंकर कुमार के नेतृत्व में टीम स्मार्ट सिटी के कार्यालय पहुंची। वहां टीम स्मार्ट सिटी के सीजीएम संदीप कुमार के साथ सीबीडी क्षेत्र के संबंध में चर्चा की। इस दौरान नगर निगम के टाउन प्लानर मन्नू यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान टीम ने भागलपुर स्टेशन को केंद्र बिंदु में रखते हुए मेट्रो के संभावित तीन रूटों के संबंध में विभिन्न जानकारियां हासिल की। इन रूटों में स्टेशन से नाथनगर, स्टेशन से जीरो माइल और स्टेशन से बाईपास के संबंध में जानकारी हासिल की गई।
नगर निगम के टाउन प्लानर मन्नू यादव ने इन तीनों रूटों की दूरी के संबंध में जानकारी दी। इन तीनों गंतव्यों की कुल दूरी करीब 13.3 किलोमीटर है। टीम की ओर से नगर निगम क्षेत्र की सड़कों की कुल लंबाई, विभिन्न सड़कों की चौड़ाई आदि के संबंध में जानकारी हासिल की जा रही है। इसके अलावा शहर में बने कुल भवनों के संबंध में भी विस्तृत ब्योरा हासिल की जा रहा है। इसमें रिहायशी इलाके, रिहायशी इलाकों में बने मकानों के अलावा विभिन्न व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के भवनों के संबंध में जानकारी शामिल हैं।
तीन स्टेज में भागलपुर मेट्रो के लिए किया जा रहा है सर्वेक्षण
भागलपुर में मेट्रो रेल सेवा की संभाव्यता को लेकर राइट्स लिमिटेड के अधिकारी सर्वेक्षण में जुटे हैं। एक माह के अंदर फील्ड सर्वे पूरा किया जाना है। इसके बाद प्लानिंग की जाएगी कि इस शहर को मेट्रो की जरूरत है या नहीं। सर्वेक्षण कार्य का नेतृत्व संयुक्त महाप्रबंधक (शहरी अभियांत्रिकी और संवहनीयता) भानु प्रकाश जोशी कर रहे हैं। तीन स्टेज में एक साथ टीम सर्वेक्षण में जुटी है।
राइट्स के अभियंताओं ने शुक्रवार को शहर के सभी एंट्री प्वाइंट पर ट्रैफिक लोड का आकलन किया। टीम ने नाथनगर, सबौर, अलीगंज बायपास, जीरोमाइल चौक आदि क्षेत्र का आकलन किया। संयुक्त महाप्रबंधक ने बताया कि पहले चरण में व्यापक गतिशीलता योजना (सीएमपी) का काम हो रहा है। इसमें मेजर कॉरिडोर, सिक्यूरिटी प्लान, ट्रैफिक की दिक्कतें आदि का आकलन होगा।
सुल्तानगंज से कहलगांव तक फैल सकता है मेट्रो का दायरा मेट्रो का दायरा भविष्य में सुल्तानगंज से कहलगांव तक फैल सकता है। हालांकि अभी सबौर से नाथनगर को ध्यान में रखकर सर्वे हो रहा है लेकिन भविष्य के लिए भी तैयारी हो रही है। बताया गया कि सुल्तानगंज तक होने के बाद जमालपुर तक विस्तार दिया जा सकता है।
भौगोलिक जानकारी ली
टीम ने स्मार्ट सिटी के सीजीएम से शहर के स्मार्ट सिटी के विभिन्न वार्डों और उनके भौगोलिक एवं सामाजिक स्थिति के बारे में और शहर के सीबीडी एरिया के बारे में जानकारी ली। सीबीडी किसी नगर का मध्य क्षेत्र होता है, जहां व्यापारिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सघनता होती है। नगर केन्द्र पद का उपयोग भी सीबीडी के समान होता। दोनों यह इंगित करते हैं कि नगर के किस भाग में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सघनता अन्य भागों से अधिक है।