बदल गया MDM का मेन्यू, डेढ़ करोड़ बच्चों को लजीज व्यंजन; किस दिन क्या मिलेगा, शिक्षा विभाग ने बताया
- नये मेन्यू में बुधवार को अब चावल और लाल चने की सब्जी बच्चों को दी जाएगी। खिचड़ी नहीं दी जाएगी। चने में थोड़ी मात्रा में आलू भी मिले होंगे। मेन्यू में एक और बड़ा बदलाव करते हुए शुक्रवार को बच्चों को दिया जाने वाला पुलाव और काबुली चने के छोले को हटा दिया गया है
बिहार के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के मेन्यू में बदलाव किया गया है। मध्याह्न भोजन योजना में अब स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में सिर्फ एक दिन शनिवार को खिचड़ी मिलेगी। वहीं, सोमवार और गुरुवार को चावल के साथ तड़का मिलेगा, जिसमें हरी सब्जी भी मिली हुई रहेगी। शिक्षा विभाग ने राज्यभर के प्रारंभिक स्कूलों के लिए नया मेन्यू बनाया है, जो 15 फरवरी से लागू होगा। राज्यभर के प्रारंभिक कक्षा के तकरीबन डेढ़ करोड़ बच्चों को लजीज व्यंजन परोसने को लेकर किये गये इस बदलाव की सूचना मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक विनायक मिश्र ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को गुरुवार को पत्र जारी कर दी है।
अब-तक के मेन्यू के अनुसार बच्चों को सप्ताह में दो दिन शनिवार और बुधवार को खिचड़ी दी जाती है। पर, नये मेन्यू में बुधवार को अब चावल और लाल चने की सब्जी बच्चों को दी जाएगी। खिचड़ी नहीं दी जाएगी। चने में थोड़ी मात्रा में आलू भी मिले होंगे। मेन्यू में एक और बड़ा बदलाव करते हुए शुक्रवार को बच्चों को दिया जाने वाला पुलाव और काबुली चने के छोले को हटा दिया गया है। बच्चों द्वारा इसे पसंद नहीं किये जाने के कारण इसमें बदलाव करते हुए शुक्रवार को 15 फरवरी से चावल और लाल चने की सब्जी दी जाएगी। इसके साथ ही शुक्रवार को एक अंडा अथवा मौसमी फल अलग से बच्चों को दिये जाएंगे।
पूर्व के बने मेन्यू में सोमवार और गुरुवार को चावल, दाल और सब्जी देने का प्रावधान था, जिसे बदल दिया गया है। शनिवार को बच्चों को दी जाने वाली खिचड़ी में हरी सब्जी मिली हुई होगी। इसके अलावा आलू का चोखा भी दिया जाएगा। इसी प्रकार मंगलवार को दिया जाने वाला जीरा चवाल को भी मेन्यू से हटा दिया गया है। अब मंगलवार को चावल और सोयाबीन-आलू की सब्जी दी जाएगी।
लंबे समय से थी बदलाव की तैयारी
विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि लंबे समय से मेन्यू में बदलाव की तैयारी चल रही थी। इसको लेकर बच्चों की पसंद और पौष्टिकता को भी ध्यान में रखा जा रहा था। मालूम हो कि राज्य में 68 हजार प्रारंभिक स्कूलों में हर दिन बच्चों को इस योजना के तहत पकाया भोजन दिया जाता है। गौरतलब हो कि सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में करीब एक करोड़ बच्चे प्रतिदिन मध्याह्न भोजन खाते हैं।