बेगूसराय में जहरीली शराब से शख्स की मौत, माफिया के घर तोड़फोड़; पुलिस टीम को लोगों ने खदेड़ा
बेगूसराय जिले के मुफस्सिल थाना इलाके में शुक्रवार को जहरीली शराब पीने से एक शख्स की मौत होने के बाद भारी हंगामा हो गया। ग्रामीणों ने शराब बेचने वाले माफिया के घर पर तोड़फोड़ कर दी। वहीं, देरी से पहुंचने पर पुलिस टीम को भी खदेड़ दिया।
बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब का कहर देखने को मिला है। बेगूसराय जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र की जिनेदपुर पंचायत के वार्ड-चार में शुक्रवार को जहरीली शराब पीने से 36 वर्षीय जीवन साह की मौत हो गई। वह जिनेदपुर पंचायत के वार्ड-एक निवासी जिलेबी साह का पुत्र था। मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। जहरीली शराब पीने की सूचना मिलते ही सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। उसके बाद शव को उठाकर घर पर लाया गया। परिजन ने बलिया वाली के नाम से मशहूर महिला के तीनों पुत्र चंदन चौधरी, कुंदन चौधरी, रंजन चौधरी पर जहरीली देसी शराब पिलाने से मौत होने का आरोप लगाया है। स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी मुफस्सिल थाना व डायल-112 वाहन को दी गयी। लेकिन पुलिस वाले घटना के तीन घंटे बाद करीब तीन बजे पहुंचे। गुस्साए लोगों ने पुलिस को खदेड़ दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद आक्रोशित लोगों ने शराब माफिया के घर पर जमकर तोड़फोड़ की। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
मृतक के परिजन मंगल साह ने बताया कि जीवन बलिया वाली के यहां पशुओं की देखभाल करता था। बलिया वाली का बेटा चंदन चौधरी, कुंदन चौधरी, रंजन चौधरी समेत करीब एक दर्जन परिवार के लोग यहां देसी शराब बनाते हैं। शुक्रवार को जीवन को उसी के यहां जहरीली शराब पिलाई गई। इससे उसकी मौत हो गई। जैसे ही मौत हुई बलिया वाली समेत उनके परिवार के सभी लोग समेत अन्य शराब के धंधेबाज घर छोड़कर फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने देसी शराब से भरे कई डिब्बे दिखाए। पुलिस ने भी करीब 30 से 40 लीटर देसी शराब को नष्ट किया।
शराब बनाने के आरोप में धंधेबाजों को पुलिस पकड़कर हर बार छोड़ देती है
मृतक का भाई कुंदन साह समेत दर्जनों लोगों ने बताया कि जिनेदपुर पंचायत के वार्ड-चार में अधिकतर लोग देसी शराब बनाते हैं। इसकी जानकारी मुफस्सिल थाने की पुलिस को है। स्थानीय लोगों के अनुसार हर दो दिनों पर पुलिस को सूचना दी जाती है कि देसी शराब का जखीरा रखा हुआ है। लेकिन पुलिस वाले सूचना देने वालों को फंसाने की बात कह मामले को टाल दिया जाता है। जब एक साथ कई फोन जाते हैं तब पुलिस आती है। देसी शराब बनाने वाले धंधेबाजों को पकड़कर ले जाती है। उसके बाद चांदी के सिक्के की खनक पर शराब के धंधेबाजों को चेतावनी के बाद छोड़ दिया जाता है। लोगों ने बताया कि जैसे ही धंधेबाज थाना से आता है तो शराब बनाने का बंद होने के बाद तेजी से बेरोकटोक चलने लगता है। यदि पुलिस वाले शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की होती तो शायद जीवन साह की मौत जहरीली शराब पीने से नहीं होती।
बच्चों की परवरिश की चिंता
रोते-बिलखते मृतक की पत्नी दौलती देवी बोल रही थी कि बलिया वाली का बेटा हमरा पति के शराब पिलाए के जान ले लेलको हो। आसपास की महिलाएं उसे ढांढ़स बंधा रही थीं। महिलाएं यह भी बोल रही थीं कि इसे चार छोटे-छोटे बच्चे हैं। 15 वर्षीया पुत्री अर्चना कुमारी, 12 वर्शीय पुत्र विशाल कुमार, आठ वर्षीय पुत्र निशाल कुमार व तीन वर्षीया पुत्री कल्पना कुमारी है। इन बच्चों की परवरिश कैसे होगी यह चिंता का विषय है। जीवन की मौत के जिम्मेवार लोगों के खिलाफ ग्रामीण कार्रवाई करने व टोला से हमेशा के लिए देसी शराब बंद कराने की मांग है।
बेगूसराय के एसपी मनीष कुमार ने शुक्रवार को कहा कि मुफस्सिल थाना की जिनेदपुर पंचायत में एक युवक की मौत की जानकारी मिली है। मौत का मामला संदिग्ध लग रहा है। मृतक की पत्नी व ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्प्ष्ट होगा कि मौत की असली वजह क्या है।