शिक्षकों से राशि की हुई कटौती आयकर में नहीं कराया जमा
मधुबनी में शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों का मार्च 2025 का वेतन आयकर विभाग की चालान न मिलने के कारण लंबित है। 180 शिक्षकों ने शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिनका निस्तारण हो गया है। डीईओ जावेद आलम ने...

मधुबनी, निज संवाददाता। जिले के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों का मार्च 2025 का वेतन लंबित है, क्योंकि आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2017-18 के दौरान कर कटौती के संबंध में आवश्यक चालान नहीं मिलने पर वेतन निकासी पर रोक लगा दी थी। इस रोक के कारण करीब 180 शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई थीं, जो अब निस्तारित की जा चुकी है और संभावना है कि वेतन भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी। फिलहाल डीपीओ स्थापना कार्यालय की पूर्व की लापरवाही के कारण शिक्षकों को वतन अटक गया है। डीईओ जावेद आलम ने निर्देश जारी कर समस्या समाधान शुरू किया है।
शिक्षा विभाग के अनुसार, पूर्व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मियों से आयकर कटौती की गई थी, लेकिन संबंधित चालान आयकर विभाग को नहीं भेजे गए थे। इसके परिणामस्वरूप, आयकर विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, दरभंगा ने वरीय कोषागार पदाधिकारी, मधुबनी को पत्र भेजकर वेतन निकासी पर रोक लगाने का आदेश दिया था। डीईओ जावेद आलम ने इस मामले को हल करने के लिए आयकर आयुक्त के पास अपील दायर की है, और एक सप्ताह के भीतर रोक हटने की उम्मीद जताई जा रही है। रोक हटने के बाद, संबंधित शिक्षकों और कर्मियों का लंबित वेतन शीघ्र भुगतान कर दिया जाएगा। इस पत्र के साथ संबंधित 180 शिकायतों की सूची भी संलग्न की गई है, जिन्हें अब निस्तारित कर दिया गया है। शिक्षकों ने सरकार से उम्मीद जताई है कि इस स्थिति का शीघ्र समाधान होगा, ताकि उन्हें उनके मेहनत का उचित मुआवजा समय पर मिल सके। यह घटनाक्रम, जो वित्तीय और प्रशासनिक प्रक्रिया के बीच का एक जटिल मुद्दा है, दर्शाता है कि कैसे तकनीकी कारणों और विभागीय खामियों के कारण शिक्षक समुदाय को वेतन समय पर नहीं मिल पा रहा है।
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