छात्रों की मांग-स्किल डेवलपमेंट की हो पहल, बेरोजगारी भत्ता दे सरकार
मधुबनी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों ने सरकार से बेरोजगारी भत्ता की मांग की है। छात्रों का कहना है कि शहर में उच्चस्तरीय सरकारी शिक्षण संस्थान नहीं हैं, जिससे उन्हें दूर जाकर पढ़ाई...
मधुबनी। शहर में ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए आते हैं। कड़ी मेहनत के बावजूद सैकड़ों छात्र-छात्राओं को नौकरी नहीं मिल पाती है। ऐसे में आगे की तैयारी और अन्य खर्चों के लिए ये लोग सरकार से बेरोजगारी भत्ता चाहते हैं। छात्रा मनीषा, सोनी कुमारी, अभिषेक ठाकुर, मुकेश कुमार सिंह व उत्कर्ष कुमार सहित कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि शहर में छात्रों के समक्ष समस्याएं बहुत है। खासकर आज के समय में मधुबनी में उच्चस्तरीय सरकारी शिक्षण संस्थान नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को दरभंगा या पटना जाना पड़ता है। मैट्रिक और इंटर करने के बाद छात्रों को जबतक जॉब नहीं मिलता है सरकार की ओर से उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए।
शहर में स्किल डेवलमेंट को लेकर सरकारी तकनीकी शिक्षण संस्थान खुलना चाहिए। ताकि छात्र-छात्राएं अपनी सुविधा अनुसार अपने स्कील का विकास कर सकें। छात्र-छात्राओं को शहर में आधुनिक पुस्तकालय और सरकारी छात्रावास की भी व्यवस्था होनी चाहिए। छात्रों ने कहा कि कई स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता कम है। जिससे छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है। उसे बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जिसमें पढ़ाई के साथ रोजगार की भी व्यवस्था हो। वैसे नई शिक्षा नीति 2020 में बहुत कुछ रोजगारपरक शिक्षा शामिल किया गया है। लेकिन जरूरत है उसे जल्द से जल्द धरातल पर लागू करने की। शहर के छात्रों ने माना की बेहतर तकनीकी शिक्षा से ही छात्रों का भविष्य बेहतर होगा। उपलब्ध हों बेहतर शैक्षणिक संस्थान: छात्रों ने कहा कि पढ़ाई के लिए माहौल बहुत जरूरी है। माहौल तब बनेगा जब देशस्तर का सरकारी और प्राइवेट शैक्षणिक संस्थान शहर में खुलेगा। इसके लिए हमारे सांसद, विधायक और विधान पार्षदों को पहल करनी होगी। आजादी के 75 साल बाद भी शहर में केन्द्रीय विद्यालय नहीं खुला है। एक भी ब्रांडेड कोचिंग नहीं है। जबकि यहां के बच्चे कोटा, दिल्ली, पटना और अन्य शहरों में जाकर पढ़ाई करते हैं। जिसमें खर्चा अधिक होता है। लेकिन शहर में बेहतर सरकारी तकनीकी संस्थान होगा तो छात्रों को सुविधा होगी।
शहर में पार्क होना बहुत जरूरी : छात्रों ने बताया कि उनपर कई तरह का दबाव होता है। सुबह से शाम तक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग में छात्र मानसिक तनाव उठाते हैं। ऐसे में कुछ पल अपने दोस्तों के साथ किसी पार्क में बैठकर अपने कॅरियर पर चर्चा करना चाहते हैं। लेकिन शहर में एक भी पार्क नहीं है जहां लोग बैठ सकें। कायदे से नगर निगम को सभी वार्डों में एक पार्क बनाना चाहिए। इससे शहर भी अच्छा बनेगा और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्रा वहां बैठकर समूह चर्चा कर सकेंगे। गंगासागर काली मंदिर के समीप एक चिल्ड्रेन पार्क बना भी तो उसकी उपयोगिता किसी कारण से संभव नहीं हो रही है। सरकार और जिला प्रशासन छात्र-छात्राओं की समस्या पर ध्यान दे। बोले जिम्मेदार छात्रों के लिए कई योजनाएं चला रही सरकार डीआरसीसी प्रबंधक अखिलेश भारती ने बताया कि बिहार सरकार छात्र व छात्राओं के लिए कई योजनाएं चला रही है। जरूरत है उसका लाभ उठाने की। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से बिहार के बच्चे अपनी उच्च शिक्षा के लिए चार लाख तक का लोन लेकर अपनी पढ़ाई पूर्ण कर सकते हैं। इस योजना के लिए बिहार के वैसे ही वह जो न्यूनतम 10वीं पास जो पालीटेक्निक या आईटीआई या इंटर पास जो उच्चतर शिक्षा में नामांकित हैं लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा जो युवा युवती इंटर पास हो एवं आगे की पढ़ाई नहीं कर रहे हो उम्र 20 से 25 के बीच हो उनको बिहार सरकार के द्वारा प्रति माह एक हजार की दर से चौबीस माह तक मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के अंतर्गत राशि दी जाती है। कुशल युवा कार्यक्रम में न्यूनतम दसवीं उत्तीर्ण को कौशल विकास केन्द्र के माध्यम से मुफ्त कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान की जाती हैं। इसके अलावे भी कई योजना बिहार सरकार छात्रों के लिए चला रही है।
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