शहर की निर्माण योजनाओं में गुणवत्ता की कमी, बढ़ी परेशानी
मधुबनी में विकास योजनाएं नागरिकों के लिए मुसीबत बन गई हैं। नाला, पुलिया और सड़कों का निर्माण अधूरा और खराब गुणवत्ता का है। स्थानीय लोग गंदगी और जलजमाव से परेशान हैं, लेकिन नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं...

मधुबनी। शहर की विकास योजनाएं अब लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही हैं। नाला हो या सड़क हर निर्माण कार्य अधूरा और खराब गुणवत्ता का उदाहरण बन गया है। अभियंताओं की लापरवाही के कारण तय प्रक्रिया को ताक पर रखकर मनमानी किया जा रहा है। न तो कार्यस्थलों पर बोर्ड लगे हैं, न ही कोई समयसीमा तय की गई है। जनता गंदगी और जलजमाव से परेशान है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। लोगों ने बताया कि शहर में नगर निगम द्वारा चलाई जा रही निर्माण योजनाएं अब आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही हैं। चार दर्जन योजनाओं के तहत नाला, पुलिया, सड़क और पोखर उड़ाही के कार्य हो रहे हैं, लेकिन गुणवत्ता व समयसीमा की भारी अनदेखी सामने आ रही है।
निगम की अभियंत्रण शाखा मॉनिटरिंग में विफल साबित हो रही है। स्थानीय लोगों और पार्षदों ने बार-बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर रोष जताया है। तिलक चौक के पास छह माह पहले 12 लाख रुपये की लागत से नाला बनाया गया था। लेकिन यह नाला जल निकासी में पूरी तरह फेल हो गया है। पानी सड़कों पर जमा हो रहा है, जिससे यातायात और स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय लोग इस निर्माण को भ्रष्टाचार का उदाहरण बता रहे हैं। आरोप है कि निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की गई, और नाले की डिजाइन ही गलत है। निगम ने आज तक इस पर कोई जांच नहीं की। तिलक चौक के पास बनी पुलिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिया सड़क के बीच की बजाय किनारे पर बना दी गई है। इसके निर्माण में तय प्राकल्लन का पालन नहीं किया गया। यह रास्ता भारी वाहनों का है, ऐसे में कमजोर पुलिया दुर्घटना का कारण बन सकती है। ढलाई के समय ही लोगों ने विरोध जताया था, पर संवेदक ने मनमर्जी से कार्य पूरा किया। इस्तेमाल की गई सामग्री भी मानक से नीचे की है। बीएन झा कॉलोनी में बना नाला अनुपयोगी साबित हो रहा है। यह सड़क से करीब डेढ़ फीट ऊंचा बना दिया गया है, जिससे पानी का बहाव अवरुद्ध हो गया है। नाले से निकला मलबा सड़क पर ही फैला दिया गया है, जिससे सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। बारिश में यहां जलजमाव हो जाता है और गंदगी से संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। नागरिकों ने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। महिला कॉलेज रोड और महादेव मंदिर रोड में हाल ही में बने नाले जल निकासी में नाकाम साबित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्माण से पहले की योजना ही खामी से भरी थी। प्राक्कलन इस तरह से बनाया गया कि निर्माण उद्देश्य को पूरा ही नहीं कर पाया। निर्माण की गुणवत्ता बेहद खराब है। देखने में लगता है कि हर बार आधा-अधूरा काम कर भुगतान ले लिया जाता है। इससे जनता की परेशानी बढ़ गई है। नगर निगम कार्यालय के पास स्थित तालाब की उड़ाही के लिए इसे सूखा तो दिया गया, लेकिन छह माह बाद भी कार्य शुरू नहीं हो पाया। अब यह तालाब उपयोग लायक नहीं रह गया है। त्योहारों और अन्य पारंपरिक आयोजनों में इस साल इसके उपयोग की संभावना खत्म हो गई है। तालाब की हालत देखकर लगता है कि इस वर्ष यह पूरी तरह बेकार हो जाएगा। जनता का आरोप है कि निगम सिर्फ कागज़ों पर काम दिखा रहा है। योजनाओं की मॉनिटरिंग करने का निर्देश अभियंता को दिया गया है । कार्यो के एवज में जांच कर अभियंता के द्वारा एमबी बुक करने के बाद ही आदेश दिया गया है । इसमें कोताही बरतने पर राशि की कटौती और अन्य कार्रवाई की जाती है । -राजमणि गुप्ता, नगर प्रबंधक सह योजना प्रभारी
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