नेपाल के पानी से उफनाई कोसी, गंडक ने उड़ाई नींद; पटना में वॉर रूम, बांध पर रतजगा कर रहे अफसर
- नेपाल में मूसलाधार बारिश से बिहार की नदियां उफान पर हैं। गंडक नदी में वाल्मिकी बराज से लगभग 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पटना में वॉर रूम बनाया गया है। वहीं डीएम से लेकर बाढ़ नियंत्रण अफसर रतजगा कर रहे हैं।
नेपाल में भारी बारिश से बिहार की नदियां उफान पर हैं। गंडक नदी में वाल्मिकी बराज से लगभग 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर में भारी इजाफा होने की संभावना के मद्देनजर जिलापदाधिकारी यशपाल मीणा रात में लालगंज के बलहा बसंता घाट का निरीक्षण करने पहुंचे और पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए। कोसी, गंडक समेत राज्य आठ नदियां भी लाल निशान को पार कर गई है। जिसके चलते राजधानी पटना में जल संसाधन विभाग ने वॉर रूम का गठन किया गया है। प्रधान सचिव संतोष मल्ल ने खुद इसकी कमान संभाली है।
यह वॉर रूम 8-8 घंटे की तीन पालियों में 24 घंटे काम करेगा। अगले 72 घंटे तक यह नदियों के प्रवाह, जलस्तर और तटबंधों की निगरानी करेगा। यही नहीं बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पूर्वानुमान एवं मॉडलिंग, यांत्रिक एवं जन संपर्क कार्य तथा प्रबंधन सहित अन्य सभी मामलों के संबंध में मानिटरिंग की कार्रवाई करेगा। कोसी और गंडक किनारे बने बांध की पूरे राज्य में निगरानी हो रही है। डीएम से लेकर बाढ़ नियंत्रण और जल संसाधन विभाग के अफसर रात में भी तटबंधों का जायजा ले रहे हैं।
आपको बता दें गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने से राज्य के 13 जिले प्रभावित हुए हैं। 20 प्रखंडों की 140 पंचायतों के गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। करीब 1.41 लाख आबादी प्रभावित हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया है। इन नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की आशंका को देखते हुए संबंधित जिलाधिकारी को अलर्ट रहने को कहा है। जिन क्षेत्रों में पानी फैल रहा है, वहां से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती की गई है।
बाढ़ प्रभावित सभी जिले में टीम तैनात कर दी गई है। तीन राहत शिविर और एक सामुदायिक रसोई केंद्र का संचालन किया जा रहा है। शिविर में करीब 1200 बाढ़ शरणार्थी शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावितों के बीच अब तक करीब 200 पॉलीथिन शीट्स और करीब 2200 ड्राई राशन पैकेट का वितरण किया गया है। कुल 240 नावों का परिचालन किया जा रहा है। पेयजल और चिकित्सा के भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
जल संसाधन विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में जहां कोसी का डिस्चार्ज 6.81 लाख क्यूसेक जा सकता है वहीं गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज 6 लाख क्यूसेक से अधिक हो सकता है। बड़ी परेशानी यह है कि नेपाल में बारिश लगातार जारी है। यदि अगले 24 से 48 घंटे में बारिश नहीं थमी तो हालात बिगड़ सकते हैं। कोसी में 56 वर्षों के बाद जबकि गंडक में 21 वर्षों के बाद ऐसी उफान की आशंका है।
वहीं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि भारी बारिश या फ्लैश फ्लड से निपटने को सरकार पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि नेपाल और बिहार के व्यापक क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण फ्लैश फ्लड की आशंका को देखते हुए आम लोग सतर्क रहें।