14 लाख में डील, डोनर को 4 लाख, महिला की किडनी का सौदा का भांडा फूटा
पीड़ित महिला मूल रूप से नालंदा की निवासी है। किडनी तस्करी गिरोह की ओर से महिला को मात्र चार लाख रुपये देने की बात कही गई थी। 50 हजार रुपये बतौर एडवांस दे भी दिये गए, जबकि उसकी कडनी का सौदा एक जरूरतमंद से 14 लाख में किया गया था। डोनर को 4 लाख देकर दस लाख रुपए गिरोह अन्य सदस्य अपने पास ही रख लेते।
बिहार में किडनी तस्कर गिरोह सक्रिय है जो बुरे हालात से गुजर रहे और गरीब तबके के लोगों को अपना शिकार बनाता है। कर्ज उतारने के लिए महिला की किडनी बिकवाने की कोशिश करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। गिरफ्तार किए गए गिरोह के सदस्य ने पुलिस के सामने हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। दरअसल, केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने जितेंद्र को गिरफ्तार किया था। उसने पुलिस को बताया कि महिला की किडनी बेचने की डील 14 लाख रुपये में तय हुई थी जबकि महिला को मात्र चार लाख दिए जा रहे थे। लेकिन जांच के दौरान मामले का खुलासा हो गया और और महिला बाल-बाल बच गई।
पीड़ित महिला मूल रूप से नालंदा की निवासी है। किडनी तस्करी गिरोह की ओर से महिला को मात्र चार लाख रुपये देने की बात कही गई थी। 50 हजार रुपये बतौर एडवांस दे भी दिये गए, जबकि उसकी कडनी का सौदा एक जरूरतमंद से 14 लाख में किया गया था। योजना के अनुसार डोनर महिला को चार लाख देकर बचे हुए दस लाख रुपए गिरोह अन्य सदस्य अपने पास ही रख लेते। इस मामले में पुलिस को राजू सहित अन्य लोगों की तलाश है। सभी बिहार के ही हैं। गिरफ्तार जितेंद्र से पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
तस्कर बन गया महिला का फर्जी पति
इस मामले में पूछताछ में एक बड़े फर्जीवाड़े का भी खुलासा हुआ। जितेंद्र ने फर्जीवाड़ा कर आधार कार्ड में महिला के पति के नाम की जगह अपना नाम दर्ज करा दिया था। जब महिला को किडनी डोनेशन के लिए अस्पताल भर्ती कराया गया तो वह पति के रूप में मुस्तैदी से सब काम करवा रहा था। लेकिन जांच में पकड़ा गया।
जांच नहीं होती तो निकाल लेते महिला की किडनी
दरअसल किडनी प्रत्यारोपण के दौरान डोनर को लेकर कई तरह की जांच की जाती है। इस मामले में भी कोलकाता के अस्पताल ने पूरी जांच कराई। महिला यानी डोनर के सत्यापन के लिए मामला पटना के रामकृष्णानगर थाने तक पहुंचा तो इस बड़े मामले का भंडाफोड़ हुआ। पता चला कि जो व्यक्ति खुद को पति बताकर महिला के साथ थाने गया है, वह भी इसी गिरोह का सदस्य है। पूछताछ में महिला ने सच्चाई उगल दिया उसके बाद महिला के बयान पर केस दर्ज कर लिया गया और पुलिस ने जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।
गरीब तबके के लोगों को चंगुल में फंसाता था गिरोह
किडनी की खरीद-बिक्री करने वाला गिरोह गरीब लोगों को चंगुल में फंसाता था। भरोसे में लेने के लिए उन्हें तत्काल एडवांस राशि दी जाती है। पीड़ित महिला भी कर्ज में डूबी हुई थी। उससे भी इस गिरोह के सदस्यों ने रुपये का लालच और एडवांस रकम देकर किडनी देने के लिये हामी भरवा ली।