जेपी कांग्रेस से लड़े, गठबंधन पर सोचें अखिलेश; समर्थन वापसी की अपील पर जेडीयू ने परिवारवाद भी गिनाया
अखिलेश यादव के बयान पर जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने पलटवार किया है। उन्होने कहा कि हमें बीजेपी से रिश्ते तोड़ने की सलाह देने का मतलब क्या है। वो जिनके (कांग्रेस) साथ हैं, उनके साथ रिश्ते तोड़ने पर पुनर्विचार करें।
लखनऊ में जय प्रकाश नारायण जयंती को लेकर जारी घमासान के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भड़की हुई है। जदयू के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने अब सपा को सलाह दी है। दरअसल आज अखिलेश यादव ने नसीहत देते हुए कहा था कि नीतीश कुमार को बीजेपी से गठबंधन तोड़ लेना चाहिए। सपा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी सरकार जो समाजवादियों को जय प्रकाश नारायण को याद नहीं करने दे रही है। उससे जेडीयू को नाता तोड़ लेना चाहिए। क्योंकि नीतीश कुमार खुद जेपी के आंदोलन से निकले हैं।
अखिलेश यादव के इस बयान पर जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने पलटवार किया है। उन्होने कहा कि नीतीश कुमार जेपी के आदर्शों पर चल रहे हैं, जेडीयू जय प्रकाश नारायण के जीवन मूल्यों के आधार पर काम कर रही है। तो फिर हमें बीजेपी से रिश्ते तोड़ने की सलाह देने का मतलब क्या है। वो (अखिलेश यादव) जिनके (कांग्रेस) साथ हैं, उनके साथ रिश्ते तोड़ने पर पुनर्विचार करें। अखिलेश यादव को सोचना चाहिए कि उन्होने जेपी के जीवन मूल्यों को किस हद तक अपनाया है।
राजीव रंजन ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का ये बयान आश्चर्यजनक है। उन्हें देश को बताना चाहिए कि जय प्रकाश के कौन से मूल्य उन्हें प्रेरित करते हैं, और क्या उन्होंने और उनकी पार्टी ने उनमें से किसी को अपनाया है। समाजवादी पार्टी में कोई लोकतंत्र नहीं है। पूरी पार्टी के संगठनात्मक पदों पर एक विशेष परिवार का कब्जा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में उन जीवन मूल्यों को अपनाया है, जो व्यवस्था के लिए सभी महत्वपूर्ण कदम हैं, नीतीश कुमार ने परिवर्तन किया और लोगों के जीवन में बदलाव आया। केंद्र में हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए के साथ हैं। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए जेपी के जीवन मूल्यों के आधार पर काम कर रहा है।
आपको बता दें शुक्रवार को लखनऊ में जेपीएनआईसी स्थित जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर अखिलेश यादव माल्यार्पण करना चाह रहे थे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी। जिसके बाद अखिलेश भी अड़ गए। इस बीच पुलिस अधिकारियों और सपा कार्यकर्ताओं के बीच बहस भी हुई। जिसके बाद अखिलेश ने घर के बाहर ही जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दिया। और फिर मीडिया को संबोधित करते हुए बीजेपी को जमकर घेरा और इसी दौरान उन्होने नीतीश कुमार से बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने की अपील की थी। जिस पर सियासी संग्राम मचा हुआ है।