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CID तो इनपुट देता ही है...,सरकार पर जासूसी का आरोप लगाने वाले तेजस्वी को JDU का जवाब

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ‘सबसे पहली बात तो यह है कि राज्य के सीएम को ऐसा कोई आदेश जारी करने का दायित्व नहीं है। पुलिस-प्रशासन का दायित्व है कि वो प्रतिपक्ष के नेता हैं या कोई भी राजनीतिक घटनाक्रम हो, जुलूस हो या प्रदर्शन हो या धार्मिक समारोह हो तो CID तो इनपुट देता ही है।’

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, पटनाMon, 16 Sep 2024 11:56 AM
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बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को मधुबनी जिले में आरोप लगाया था कि राज्य सरकार उनकी जासूसी करवा रही है। तेजस्वी यादव ने कहा था कि मेरी पार्टी के आंतरिक कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में सीआईडी और स्पेशल ब्यूरो के लोगों को भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा था कि दरभंगा के कार्यक्रम में इस तरह की जासूसी का मामला सामने आ चुका है। 

परिचय कार्ड से ऐसे लोगों की पहचान हुई। अब जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने तेजस्वी यादव के आरोपों पर जवाब दिया है। जदयू की तरफ से कहा गया है कि वो (तेजस्वी यादव) नेता प्रतिपक्ष हैं और उनकी सुरक्षा के लिए सीआईडी तो इनपुट देता ही है ऐसे मामलों में राजनीति ठीक नहीं।

मीडिया से बातचीत में जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, 'सबसे पहली बात तो यह है कि राज्य के सीएम को ऐसा कोई आदेश जारी करने का दायित्व नहीं है। पुलिस-प्रशासन का दायित्व है कि वो प्रतिपक्ष के नेता हैं या कोई भी राजनीतिक घटनाक्रम हो, जुलूस हो या प्रदर्शन हो या धार्मिक समारोह हो तो CID तो इनपुट देता ही है। ये कौन सी बड़ी बात है। इसके राजनीतिक अर्थ नहीं हैं। 

इसके भावार्थ यह है कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है। पुलिस-प्रशासन की होती है। तो जगह-जगह जिला के अंदर स्कॉट क्यों दिया जाता है। स्कॉट आपको मिला हुआ हो तो स्कॉट क्यों लेते हैं। इसीलिए ना कि जिले के अंदर का जो पुलिस-प्रशासन है उसके संज्ञान में भी बात रहे। इसलिए ऐसे सवाल पर राजनीति करने से बेहतर है कि पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली की जानकारी रखनी चाहिए।'

तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार भयभीत हैं इसलिए उनके पीछे सीआईडी को लगाया जा रहा है। तेजस्वी यादव ने कहा था कि इससे अच्छा होता कि वो बिहार में अपराध पर लगाम लगाने पर ध्यान देते। इसपर नीरज कुमार ने कहा कि बिहार की जनता ही भयभीत नहीं रहती है। जब रात के दो बजे भी कोई घर में बीमार होता है तो जनता आराम से सड़क पर निकल जाती है बिना डरे, तो नीतीश कुमार किस बात के लिए भयभीत होंगे। राजनीति में कोई भयभीत होता है? जब हमें साल 1995 में सात सीटें आई थीं, हमारे चार विधायक चले गए थे तब उस वक्त लोग कहते थे कि नीतीश कुमार की राजनीति खत्म हो गई। नीतीश कुमार की राजनीति फिर जिंदा हो गई। वो 2005 से लगातार राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

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