महाकुंभ भगदड़ में गुम हुईं जमुई की सास-बहू, 3 दिन से चप्पा-चप्पा खोज रहा परिवार
जमुई के झाझा की सास मनमा देवी और उनकी बहू रेखा देवी मौनी अमावस्या स्नान के दौरान प्रयागराज महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में अपने परिवार से बिछड़ गई थीं। तब से दोनों का कोई पता नहीं चल पाया है। घर वाले उनके लौटने की बाट जोह रहे हैं।
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान मची भगदड़ में बिहार के जमुई जिले की दो महिलाएं लापता हैं। झाझा की बैजला पंचायत के फोक्सा गांव निवासी बालदेव यादव की पत्नी मनमा देवी (66 वर्ष) और उनकी बहू रेखा देवी (49) मौनी अमावस्या की भोर में भगदड़ के दौरान साथ गए गांव और परिवार के अन्य लोगों से बिछड़ गई थीं। बेटे-पोते उन दोनों की कुशलता की खबर और उनसे मिलने के इंतजार में दरवाजे पर टकटकी लगाए बैठे हैं। तीन दिन से उनकी कोई खोज खबर नहीं मिल पाई है। परिवार वाले प्रयागराज में चप्पा-चप्पा खोज रहे हैं।
बेंगलुरु में मजदूरी करने वाले मनमा देवी के पुत्र कामदेव ने बताया कि उनके गांव से 18 लोगों का समूह महाकुंभ में स्नान करने पहुंचा था। इनमें उनकी मां तथा भाभी रेखा देवी समेत परिवार के सात लोग भी थे। स्नान के वक्त तक सभी साथ थे, किंतु इसके बाद लौटते समय अचानक मची भगदड़ में सभी एक-दूसरे से बिछड़ गए।
उनके पिता बालदेव यादव ने मुजफ्फरपुर के एक व्यक्ति के सहारे किसी तरह बनारस पहुंचकर अपने सकुशल होने की सूचना दी थी। अन्य लोगों में भी किसी के अयोध्या तो किसी के ट्रेन में सुरक्षित होने की खबर मिली, लेकिन चार दिन बीत जाने और तमाम जतन के बाद भी उसकी मां व भाभी की कुशलता या उनकी कहीं मौजूदगी की कोई खबर नहीं मिली है।
बेंगलुरु से लोगों से संपर्क कर मां-भाभी को तलाशने का प्रयास कर रहे कामदेव यादव ने बताया कि उनके बड़े भाई शंभू प्रयागराज में ही रुककर लापता मां व अपनी पत्नी रेखा को मेला क्षेत्र स्थित खोया-पाया विभाग से लेकर वहां के कई अस्पतालों में लगातार चार दिनों से ढूंढ़ रहे हैं, पर कुछ पता नहीं चल रहा।