गजब हो गया! हिंद महासागर में आरा के किसानों की जमीन, 45 हजार प्लॉट के मालिक परेशान, जानें वजह
बिहार में चल रहे डिजिटल क्रॉप सर्वे में हुई एक गलती ने आरा के हजारों किसानों की नींद उड़ा दी। 14 प्रखंड़ों को 45 हजार प्लॉट की लोकेशन हिंद महासागर में दिखाई दे रही है। बताया जा रहा कि अक्षांश और देशांतर में हुई तकनीकी खराबी के कारण ये गड़बड़ी दिख रही है।
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बिहार के आरा जिले में हो रहे डिजिटल क्रॉप सर्वे में एक गड़बड़ी ने हजारों किसानों के माथे पर सिकन ला दी। दरअसल सर्वे में 14 प्रखंड़ों के 45 हजार प्लॉट हिंद महासागर में दिखाई दे रहे हैं। ये सभी किसानों की जमीन है। जिसकी लोकेशन आरा से 12 हजार किमी से दूर हिंद महासागर में दिख रही है। बताया जा रहा है कि अक्षांश और देशांतर में हुई तकनीकी खराबी के कारण ये गड़बड़ी दिख रही है।
जिले में भूमि संरक्षण विभाग डिजिटल सर्वे के डेटा को विभागीय साइट पर अपलोड कर रहा है। लेकिन अक्षांश और देशांतर में गड़बड़ी के चलते कागजों में जिस जगह जमीन है, वहां न दिखकर हिंद महासागर में दिख रही है। वहीं इस मामले पर कृषि विभाग का कहना है कि गलती राजस्व विभाग से हुई है। राज्य में चल रहे जमीन सर्वे के डेटा को अपलोड करते वक्त अक्षांश और देशांतर बदल दिए। जिसके चलते 45 हजार प्लॉट की स्थिति बदल गई। अब इस गलती में सुधार के लिए जमीनों का लेखा-जोखा राजस्व विभाग को भेजा जा रहा है। जिससे इसमें सुधार हो सके।
जमीन सर्वे के साथ-साथ डिजिटल क्रॉप सर्वे भी जारी है। जिसके जरिए किसानों की जमीन के बारे में वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करना है। जिसका लाभ किसानों को मिलेगा। कृषि विभाग को 31 जनवरी तक 10 लाख प्लॉट का डिजिटल सर्वे पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। 31 जनवरी तक 10 लाख प्लॉट का डिजिटल सर्वे होना है। फिलहाल एक गड़बड़ी के चलते आरा के हजारों किसान परेशान हो गए हैं।