प्रगति नहीं, दुर्गति यात्रा है; गंभीर मसलों पर चुप क्यों हैं नीतीश कुमार? सीएम पर तेजस्वी का हमला
भभुआ में प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर सीएम क्यों नहीं बात कर रहे हैं? यहां अफसरशाही हावी है, मुख्यमंत्री जी रिटायर्ड हो गए हैं। वह कोई निर्णय लेने लायक नहीं रह गए हैं।
छठे चरण के कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने मंगलवार को भभुआ के परिसदन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बिहार की प्रगति नहीं, दुर्गति यात्रा है। इससे बिहार का विकास नहीं होने वाला है। यह लूट की छूट की यात्रा है। यात्रा पर वो अपने मालिकों से बात नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों से घिरे हैं। यात्रा पर 2 अरब 25 करोड़ 78 लाख खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंभीर मसलों पर मुख्यमंत्री जी बोल नहीं पा रहे हैं या फिर उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। अब कौन सी परिस्थिति बन गई कि उन्हें हाईलाइट किया जा रहा है।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर सीएम क्यों नहीं बात कर रहे हैं? यहां अफसरशाही हावी है, मुख्यमंत्री जी रिटायर्ड हो गए हैं। वह कोई निर्णय लेने लायक नहीं रह गए हैं। छात्रों के आंदोलन को हाईजैक किया गया। आंदोलन कुचलने का प्रयास किया गया। छात्रों को लाठी से पिटवाया गया। भाजपा के दो-दो उपमुख्यमंत्री हैं। लेकिन कोई काम नहीं किए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जहां चुनाव होता है, वहां 10 लाख और 20 लाख नौकरी देने की बात कही जाती है, इसकी शुरुआत बिहार से हुई। महागठबंधन की 17 माह की सरकार में 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गई। बीपीएससी की जो 3.50 लाख की बहाली हो रही है, वो महागठबंधन सरकार का निर्णय था। बिना पेपर लीक हुए परीक्षा हुई और नौकरी दी।
तेजस्वी ने कहा कि 10 प्रतिशत आरक्षण, जातीय आधारित गणना, आईटी पॉलिसी, स्पोर्स्टस पॉलिसी, टूरिज्म पर काम किया। स्पोर्ट्स नीति के तहत मेडलिस्ट को डीएसपी पद तक की नौकरी दी। इन पॉलिसी के बारे में 20 साल की भाजपानीत सरकार को पता ही नहीं था। समान काम, समान वेतन के लिए शिक्षक डंडे खा रहे थे। महागठबंधन सरकार के निर्णय पर उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा मिला। बिहार में 50 हजार करोड़ निवेश पर हस्ताक्षर करवाया।