Hindi Newsबिहार न्यूज़IT engineer trapped in cyber fraud digitally arrested and cheated Rs 7 lakh 74 thousand in Muzaffarpur Bihar

साइबर फ्रॉड की जाल में फंसा IT इंजीनियर, डिजिटल अरेस्ट कर 7.74 लाख ठग लिए

14 अक्टूबर को शाम छह बजे एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले खुद को एक कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताते हुए अपना नाम आकाश वर्मा बताया। विशाल को बताया कि उसके नाम के आधार कार्ड का उपयोग कर एक पार्सल ईरान भेजा जा रहा था जिसमें ड्रग्स और अन्य आपत्तिजनक सामान थे।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तानSun, 20 Oct 2024 01:13 PM
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बिहार के मुजफ्फपुर में एक निजी कंपनी में कार्यरत आईटी इंजीनियर से साइबर फ्रॉड ने 7 लाख 74 हजार ठग लिए। बालूघाट निवासी विशाल कश्यप को मुम्बई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर साइबर शातिरों ने चार घंटे तक डिजिटली अरेस्ट रखा। गंभीर आरोप में विशाल के नाम पर केस दर्ज होने का झांसा देकर उनसे 7.74 लाख रुपये तीन अलग-अलग खातों में मंगवाए। उसके बाद उन्हें मुक्त किया। विशाल ने साइबर थाने में घटना की एफआईआर कराई है। साइबर डीएसपी सीमा देवी ने बताया कि पुलिस जांच कर रही है।

उन्होंने पुलिस को बताया है कि 14 अक्टूबर को शाम छह बजे एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले खुद को एक कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताते हुए अपना नाम आकाश वर्मा बताया। विशाल को बताया कि उसके नाम के आधार कार्ड का उपयोग कर एक पार्सल ईरान भेजा जा रहा था, जिसे रिसीवर ने लेने से इंकार कर दिया है। पार्सल वापस लौट आया है, जिसकी जांच मुम्बई क्राइम ब्रांच कर रही है। उसने बताया कि पार्सल में पांच इरानी एक्सपायर्ड पासपोर्ट, एक लैपटॉप, तीन क्रेडिट कार्ड, एक पेन ड्राइव, 450 ग्राम एमडीएम ड्रग्स है। आठ अक्टूबर को भेजे गए पार्सल के लिए कंपनी को 93,410 का भुगतान किया गया है।

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इसके बाद आकाश ने उसकी कॉल को मुम्बई क्राइम ब्रांच के कथित अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया। अब क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर कॉल रिसीव करने वाला एफआईआर होने का हवाला देकर तरह-तरह की धमकी देने लगा। उसकी बातों और धमकियों को सुनकर विशाल का खुद पर से नियंत्रण खत्म हो गया। इसके बाद मुम्बई क्राइम ब्रांच के कथित अधिकारी बनकर साइबर शातिर ने स्काइप कॉल की और विशाल से आधार कार्ड की जानकारी मांगी, जो उसके पास पहले से ही थी। उसने मोबाइल एप पर विशाल को उसके व्यक्तिगत ऋण राशि की जांच करने के लिए कहा। कॉल करने वाले को पहले से ही पता था कि विशाल के एकाउंट पर कितनी ऋण राशि स्वीकृत हो सकती है। इस तरह विशाल से पर्सनल लोन स्वीकृत करवाया और उसे उसने तीन-तीन अलग बैंक खाते में आठ बार में 7.74 लाख डलवा लिए।

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