Hindi Newsबिहार न्यूज़In Vaishali Bihar father two sons given life imprisonment and also fined Rs 50 thousand each in Murder case

वैशाली में बाप के साथ दो बेटों को उम्र कैद, 50-50 हजार जुर्माना भी; इस खता की मिली सजा

  • सरकारी वकील ने बताया कि भादवि की धारा 302 के तहत मंटन पाण्डेय और उनके पुत्र रिन्टू पाण्डेय एवं राकेश कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। साथ ही आर्म्स एक्ट में तीन वर्षों की सजा सुनाई गई है। इसके अलावे 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, हाजीपुर, निज संवाददाताFri, 31 Jan 2025 08:51 AM
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वैशाली में बाप के साथ दो बेटों को उम्र कैद, 50-50 हजार जुर्माना भी; इस खता की मिली सजा

बिहार के वैशाली जिले के राजपाकर थाने के अहियाई गांव में साढ़े तीन वर्षों पूर्व आपसी रंजिश में एक युवक को गोली मारकर हत्या कर देने के मामले में पिता और दो पुत्रों को उम्र कैद की सजा हुई है। सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम ज्योति कुमारी ने आपसी रंजिश में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर देने के मामले में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ ही तीनों पर 50-50 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है।

इस मामले को कोर्ट में जिला लोक अभियोजक वीरेन्द्र नारायण सिंह कंडक्ट कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भादवि की धारा 302 के तहत मंटन पाण्डेय और उनके पुत्र रिन्टू पाण्डेय एवं राकेश कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। साथ ही आर्म्स एक्ट में तीन वर्षों की सजा सुनाई गई है। आर्म्स एक्ट में भी तीनों पर पांच-पांच हजार रूपए अर्थ दंड लगाया गया। दोनों धाराओं में अर्थ दंड की राशि अलग-अलग निर्धारित की गई। दोनों सजाए साथ-साथ चलेंगी।

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लोक अभियोजक श्री सिंह ने बताया कि राजापाकर थाना क्षेत्र के अहियाई निवासी विशंभर पाण्डेय के पुत्र अखिलेश कुमार को आपसी रंजिश में गांव के ही मंटन पाण्डेय अपने दोनों पुत्रों रिन्टू पाण्डेय एवं राकेश कुमार ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। यह घटना तब हुई थी जब अखिलेश कुमार ताड़ का फल लेकर घर जा रहा था। इसी बीच गोली मार कर घटना को अंजाम दिया गया था। इस घटना को लेकर मृतक के पिता ने राजापाकर थाना में प्राथमिकी कराई थी। इस मामले में पुलिस ने 31 अक्टूबर 2021 को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया।

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इस मामले में न्यायालय में इन तीनों के विरुद्ध 11 दिसम्बर 2021 को संज्ञान लिया। इन तीनों के विरुद्ध 16 जून 2022 को आरोप गठन किया गया। इस मामले में लोक अभियोजक वीरेन्द्र नारायण सिंह द्वारा अभियोजन पक्ष के 07 तथा बचाव पक्ष के 04 साक्षियों के कराए गए परीक्षण - प्रतिपरीक्षण के बाद मन्टन पाण्डेय और उसके दोनों पुत्रों को 20 जनवरी 2025 को दोषी करार दिया गया था।

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