Hindi Newsबिहार न्यूज़If you want to get a driving license then know the rules New rules for driving test in entire Bihar from 1st March

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है, तो जान लीजिए नियम; एक मार्च से पूरे बिहार में ड्राइविंग टेस्ट के नए रूल्स

पटना और औरंगाबाद के बाद एक मार्च से पूरे बिहार में ड्राइविंग टेस्ट के नियम बदल जाएंगे। जिसमें ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक ट्रायल अनिवार्य होगा। सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में आवेदकों को टेस्ट देना होगा। नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस में पारदर्शिता बढ़ेगी।

sandeep हिन्दुस्तान, वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरThu, 13 Feb 2025 02:47 PM
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ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है, तो जान लीजिए नियम; एक मार्च से पूरे बिहार में ड्राइविंग टेस्ट के नए रूल्स

मुजफ्फरपुर सहित बिहार के सभी जगहों में ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। मार्च से लागू होंगे नए नियम ड्राइविंग लाइसेंस पाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अगले माह से सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर परीक्षा देना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था सड़क सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है। फिलहाल, यह सुविधा पटना और औरंगाबाद में लागू है। लेकिन अब 36 जिलों में इसे लागू करने की योजना है। इधर, मुजफ्फरपुर में बेला औद्योगिक क्षेत्र स्थित ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक बनकर तैयार है। लेकिन बियाडा से जमीन संबंधित विवाद को लेकर उक्त जगह को बियाडा ने सील कर दिया है।

अब परिवहन विभाग के पदाधिकारी उसे खुलवाने को लेकर पत्राचार करने की कवायद शुरू कर दी है। मालूम है कि अभी पटना और औरंगाबाद में ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रायल के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किया जा रहें है। इसके अलावा मोतिहारी, दरभंगा सहित 26 जिलों में ट्रैक बनकर तैयार है। बाकी 10 जिलों में ट्रैक बनाना बाकी है।

मारुति कराएगी उपकरण से लैस

ट्रैक को आधुनिक प्रणाली को मारुति कंपनी हाईटेक कर रही है। डीएल के आवेदकों को अभी मैनुअली टेस्ट देना होता है। कंपनी ने डीटीओ कार्यालय में उपकरणों को पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। पिछले वर्ष दिसंबर में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने के लिए कंपनी के साथ विभाग का करार हुआ है। दरभंगा, गया, पूर्णिया, भागलपुर व सारण के डीएल टेस्टिंग ट्रैक को हाईटेक किया जाना है।

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CCTV की निगरानी में ट्रायल

टेस्टिंग ट्रैक के माध्यम से आवेदकों को आनलाइन आवेदन के बाद सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सड़क पर टेस्ट देना होगा। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य केवल उन उम्मीदवारों को लाइसेंस प्रदान करना है, जो वाहन चलाने के योग्य हैं और यातायात नियमों का पालन करते हैं। विभाग का मानना है कि इससे बगैर टेस्ट के लाइसेंस देने की प्रथा पर अंकुश लगेगा, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा। इस नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस में पारदर्शिता बढ़ेगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की संभावना है।

लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जरूरी दस्तावेज

लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदकों को पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, आयु प्रमाण और चार पासपोर्ट साइज फोटो जमा करने होंगे। इसके बाद, लर्निंग टेस्ट में यातायात नियमों के बारे में सवाल पूछे जाएंगे।

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