जीवन को तनाव मुक्त कैसे बनाएं, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर से जानें
- श्री श्री रवि शंकर ने आर्ट ऑफ लिविंग के कोर्स करने की सलाह दी और बताया कि सुदर्शन क्रिया करने से किसी भी समस्या और परेशानी से निजात मिल सकती है। तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए ज्ञान-ध्यान से लोगों को जुड़ना होगा।

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर उज्ज्वल बिहार यात्रा कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को ज्ञान भवन के सभागार में शहर के प्रबुद्ध लोगों के साथ एक अन्तरंग वार्ता में शामिल हुए। शुरुआत आर्ट ऑफ लिविंग के सत्संग से हुई। इसके बाद बिहार के युवाओं को उन्होंने एक सौगात दी। एनआईटी के साथ आर्ट ऑफ लिविंग ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया।
इसके बाद आमंत्रित अतिथियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए गए। लोगों ने पूछा कि किसी भी समस्या जिसमें मन फंस कर उलझा रह जाता है, इससे मुक्ति के लिए उपाय क्या है? इसपर गुरुदेव ने आर्ट ऑफ लिविंग के कोर्स करने की सलाह दी और बताया कि सुदर्शन क्रिया करने से किसी भी समस्या और परेशानी से निजात मिल सकती है। तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए ज्ञान-ध्यान से लोगों को जुड़ना होगा। इसी से परेशानी से निजात मिलेगी और समस्यओं का समाधान मिलेगा।
इसके अलावा पूछे गए सवाल के जवाब में कि मन को कैसे शांत रखा जाए ? अवसाद से कैसे बाहर निकला जाए और युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के लिए भी आर्ट ऑफ लिविंग की सुदर्शन क्रिया सीखने और मौन-ध्यान करने की सलाह दी। गुरुदेव ने कहा कि मौन-ध्यान करने से ना सिर्फ साकार बल्कि निराकार स्वरूप अर्थात मन की भी शुद्धि होती है, शांति मिलती है और सारी समस्याओं का समाधान मिल सकता है।
महिला दिवस को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि महिलाओं को अपनी स्वत सुरक्षा के लिए उपाय जरूर सीखना चाहिए। महिलाओं को खुद को सशक्त बनाना चाहिए और वास्तव में वो आंतरिक रूप से सशक्त हैं। उन्होंने बेरोजगारी को पाप का बड़ा कारण बताया और कहा कि कौशल मिशन से जुड़कर युवाओं को रोजगार करना चाहिए। बेरोजगार रहने पर मन में कई प्रकार के विचार आते रहते है। काम करना बहुत जरूरी है।