Hindi Newsबिहार न्यूज़How rich are Banshidhar Brajvasi Who defeated Jansuraj RJD and JDU in Tirhut MLC by election

कितने अमीर हैं बंशीधर ब्रजवासी? जिन्होने तिरहुत MLC उपचुनाव में जनसुराज, RJD और JDU को पटका

नामांकन के दौरान दाखिल किए गए एफिडेविट के मुताबिक बंशीधर ब्रजवासी की कुल संपत्ति 6 लाख 77 हजार है। इसके अलावा पति-पत्नी के नाम पर जमीन और घर मिलाकर 1.52 करोड़ की अचल संपत्ति भी है। 7 लाख 85 हजार के सोने-चांदी के गहने हैं।

sandeep लाइव हिन्दुस्तानTue, 10 Dec 2024 09:03 PM
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बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी और शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी ने प्रचंड जीत हासिल की है। उन्होने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जन सुराज के विनायक गौतम को 10195 वोटों से हराया है। बंशीधर को कुल 23003 वोट मिले। सबको चौंकाते हुए तिरहुत की लड़ाई जीतने में सफल रहे। इस उपचुनाव में जेडीयू की सीट छिन गई, और चौथे नंबर पर खिसक गई। वहीं आरजेडी तीसरे नंबर खिसक गई। बात अगर बंशीधर ब्रजवासी की संपत्ति की करें तो नामांकन के दौरान दाखिल किए गए एफिडेविट के मुताबिक उनके पास कुल 6 लाख 77 हजार की संपत्ति है। जिसमें कैश, वाहन और निवेश भी शामिल है।

वहीं बंशीधर की पत्नी के नाम 10 लाख 85 हजार की संपत्ति है। पति-पत्नी के नाम पर जमीन और घर मिलाकर 1.52 करोड़ की अचल संपत्ति भी है। 18 लाख का लोन भी था, जिसमें अब सिर्फ डेढ़ लाख बाकी है। बंशीधर के पास कुल कैश 1 लाख 55 हजार , जबकि पत्नी के पास एक लाख 50 हजार कैश है।

इसके अलावा पत्नी के पास 100 ग्राम सोना, आधा किलो चांदी है। जिसकी अनुमानित कीमत 7 लाख 85 हजार है। इसके अलावा एक मोटरसाइकिल और स्कूटी है। आय के स्त्रोत के तौर पर बंशीधर ब्रजवासी के पास खेती है। जबकि पत्नी की आय का जरिया सिलाई-कढ़ाई है। इसके अलावा बंशीधर ब्रजवासी ब्रजवासी इंकलाबी दस्तक नाम से काफी समय से यू-ट्यूब चैनल भी चला रहे हैं। 8 दिसंबर को बंशीधर ब्रजवासी ब्रजवासी की शादी की सालगिरह थी। और 10 दिसंबर यानि आज जीत का तोहफा मिला है।

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बंशीधर ब्रजवासी जाति से सहनी हैं, जो मुजफ्फरपुर इलाके की राजनीति में प्रभावी जाति है। उनके खिलाफ दो मुकदमे भी लंबित हैं। जो सरकारी सेवक के काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में हैं। तिरहुत एमएलसी उपचुनाव की जीत को बंशीधर ने शिक्षकों की जीत बताया है। उन्होने कहा कि सियासी दलों के लिए ये चुनाव होगा, लेकिन हम लोगों के लिए संघर्ष है। हमने अपना अधिकार लड़कर लिया है, छीनकर लिया है। उन्होने तंज कसते हुए कहा कि अगर वो शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त नहीं हुए होते, तो शायद एमएलसी नहीं बन पाते, इसके लिए सरकार को धन्यवाद देंगे।

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