Hindi Newsबिहार न्यूज़High amount of iron in water of 33 districts of bihar Annual Ground Water Quality Report 2024 said

बिहार के 33 जिलों के पानी में आयरन की मात्रा अधिक, जल गुणवत्ता रिपोर्ट में खुलासा

  • देश के सर्वाधिक आयरन प्रभावित छह राज्यों में बिहार शामिल है। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, यूपी और पश्चिम बंगाल भी सर्वाधिक आयरन प्रभावित है। बिहार के 33 जिलों में 1 एमजी प्रति लीटर से ज्यादा आयरन मिला है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, रंजीत कुमार सिंह, पटनाWed, 12 Feb 2025 06:05 AM
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बिहार के 33 जिलों के पानी में आयरन की मात्रा अधिक, जल गुणवत्ता रिपोर्ट में खुलासा

कैमूर सहित बिहार के 33 जिले के भूगर्भ जल में आयरन की मात्रा अधिक मिली है। केंद्रीय भूजल आयोग की जल गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 में इसका खुलासा हुआ है। अब तक 12 जिले आयरन प्रभावित माने जाते थे। इसके अलावा आर्सेनिक प्रभावित जिलों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। भूजल गुणवत्ता की ताजा रिपोर्ट प्रभावित इलाकों के निवासियों के लिए चिंताजनक है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को इन इलाकों की पेयजल गुणवत्ता में सुधार लाना होगा।

देश के सर्वाधिक आयरन प्रभावित छह राज्यों में बिहार शामिल है। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, यूपी और पश्चिम बंगाल भी सर्वाधिक आयरन प्रभावित है। बिहार के 33 जिलों में 1 एमजी प्रति लीटर से ज्यादा आयरन मिला है। वर्तमान में राज्य के 12 जिले को आयरन प्रभावित मानकर वहां पेयजल का उपचार पीएचईडी की ओर से किया जा रहा है। भूजल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सीवान, वैशाली, बक्सर जहानाबाद, लखीसराय के पानी में खारापन की मात्रा ज्यादा मिली है।

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फ्लोराइड की मात्रा दक्षिण बिहार के जिलों में मिली है। राज्य का दक्षिणी इलाके पहले से फ्लोराइड प्रभावित माने जाते हैं। वर्तमान रिपोर्ट में इनमें से छह जिलों में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 एमजी प्रति लीटर से जयादा मिली है। इनमें बांका, गया, जमुई, नालंदा, नवादा और शेखपुरा शामिल है। भूजल आयोग की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

आयरन प्रभावित जिले

ताजा रिपोर्ट (33 जिले) इसमें अररिया, बांका, बेगूसराय, भभुआ, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जमुई, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, वैशाली और पश्चिमी चंपारण शामिल है।

कई जिलों के पेयजल में यूरेनियम मिलने की शिकायत आती रही है। वर्ष 2024 की रिपोर्ट के अनुसार सीवान जिले के सैंपल में यूरेनियम मिला है। यहां के भूगर्भ जल में यूरेनियम की मात्रा 30 पीपीबी से अधिक मात्रा मिली है।

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