मूसलाधार बारिश के बीच सिकरहना नदी उफान पर, बेतिया अशोक स्तंभ पर खतरा, स्टेडियम बना तालाब
सिकरहना नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ जाने से इलाके में कटाव भी शुरू हो गया है। भारी मात्रा में फसलों की बर्बादी हो गयी है। सैकड़ों एकड़ जमीन और उनमें लगी फसल बाढ़ के पानी में समा गए हैं।
Bihar Flood News: बिहार के पश्चिम चंपारण में लगातार बारिश से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, वहीं बारिश का पानी खेत खलिहान में भर गया है तो दूसरी ओर पानी सड़क के दोनों किनारे लबालब भरा हुआ है और बारिश की यही स्थिति रही तो बारिश और बाढ़ का पानी देर रात तक लौरिया रामनगर मार्ग के लचका पर और नरकटियागंज मार्ग में स्थित अशोक स्तंभ के सड़क पर चढ़ने की संभावना बढ़ गई है। इधर पानी बहुत तेजी से फैल रहा है। छह पहाड़ी नदियों का पानी मिलने से सिकरहना नदी में बाढ़ आ गयी है। लौरिया के साहूजैन इंटरस्तरीय स्कूल का स्टेडिय भी तालाब बन गया है।
वहीं लौरिया नरकटियागंज मार्ग में स्थित ऐतिहासिक अशोक स्तंभ परिसर में पानी का फैलाव निर्वाध गति से हो रहा है और यही स्थिति रही तो पानी के तेज रफ्तार के बहाव से अशोक स्तंभ को क्षति भी पहुंच सकता है। दूसरी ओर स्टेडियम में भी पानी भर गया है और बाढ़ का पानी धीरे धीरे साहु जैन स्कूल में भी पानी प्रवेश कर रहा है। कुल मिलाकर मूसलाधार बारिश के और नदियों में बाढ़ के कारण आम जनों की परेशानी बहुत बढ़ गयी है।
सिकरहना नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ जाने से इलाके में कटाव भी शुरू हो गया है। भारी मात्रा में फसलों की बर्बादी हो गयी है। सैकड़ों एकड़ जमीन और उनमें लगी फसल बाढ़ के पानी में समा गए हैं। नदी से धोबनी, सुगौली और मलाहीटोला की तरफ हो रहा है, जिससे वहां के बसे ग्रामीणों में भय व्याप्त है। उधर दोनों नूनियाटोला की ओर भी सिकरहना नदी के कटाव से वहां बसे लोग भयभीत हैं। यदि इसी तरह से बारिश होती रही और नेपाल का पानी भी आ गया तो संभावना है कि रात से लेकर सुबह तक लौरिया में भी बाढ़ आ जाए।
रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस जाने की संभावना को लेकर लोग काफी चिंतित हैं और डरे हुए हैं। रतजगा कर लोग समय बिता रहे हैं। डर है कि उनके खेतों का फसल तो बर्बाद होगा ही साथ ही साथ मवेशियों को भी काफी परेशानी होगी। प्रशासन की ओर से माइकिंग करके लोगों से बाढ़ के खतरे से सचेत किया जा रहा है।