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बिहार में खतरनाक हो रहा गन कल्चर, बच्चे बंदूक लेकर स्कूल जा रहे, हथियार दिखाकर रील्स बना रहे

बिहार में बच्चों और किशोरों के अंदर बंदूक रखने का चलन बढ़ रहा है। पिछले कुछ महीनों के भीतर अलग-अलग जिलों से कई ऐसी घटनाएं आई हैं, जिन्होंने सामाजिक व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।

Jayesh Jetawat पटना, अरुण कुमार, एचटीWed, 11 Sep 2024 04:07 PM
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बिहार में एक नए तरीके का गन कल्चर बढ़ रहा है। खासकर बच्चों और किशोरों में बंदूक रखने का शौक पनप रहा है। बच्चे अपने स्कूल बैग में बंदूक लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल होने और धौंस जमाने के लिए लड़के हथियार दिखाकर रील्स भी बना रहे हैं। यह तेजी से खत्म हो रही सामाजिक व्यवस्था की ओर इशारा करता है, जो कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति से भी परे है।

मुजफ्फरपुर के एक कोचिंग संस्थान में मंगलवार को 10वीं का एक छात्र पिस्तौल लेकर पहुंच गया। वह क्लास खत्म होने के बाद अपनी लोडेड पिस्तौल अपने साथियों को दिखा रहा था, तभी अचानक गोली चल गई। इससे वहां मौजूद एक छात्रा घायल हो गई, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद पिस्तौल लेकर आया छात्र वहां से भाग गया।

बीते 31 जुलाई को सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज के एक स्कूल में नर्सरी का बच्चा अपने स्कूल बैग में गन लेकर पहुंच गया था। उसने तीसरी के एक छात्र को गोली भी मार दी। हालांकि, वह छात्र बच गया लेकिन इस घटना के कई तरह के सवाल खड़े कर दिए। मुश्किल से एक हफ्ते के बाद महज 6 साल के एक अन्य छात्र के पास से एयर गन बरामद की गई। वह स्कूल बैग में एयरगन लेकर आया और दूसरे बच्चों पर निशाना साधकर उसे दिखाने लगा। प्रिंसिपल ने तुरंत उससे बंदूक छिनी और पुलिस को सूचना दी।

ये कुछ ऐसी घटनाएं हैं, जिनसे पता चलता है कि छोटे बच्चों और किशोरों में गन कल्चर कितनी तेजी से बढ़ रहा है। पिछले हफ्ते नालंदा जिले में रील बनाकर स्टंट कर रहे दो किशोरों को पकड़ा गया था। पुलिस ने जब उनके मोबाइल की जांच की तो, उसमें कई रील्स मिले जिनमें वे हथियार दिखाकर सोशल मीडिया पर मशहूर होने का प्रयास कर रहे थे।

इस महीने की शुरुआत में गोपालगंज से भी इस तरह का मामला सामने आया था। सोशल मीडिया पर देसी कट्टा लहराते हुए वीडियो डालने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया गया था। मोतिहारी, वैशाली और बांका से भी पिछले कुछ महीनों के भीतर ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

बिहार पुलिस ने पिछले साल युवा पीढ़ी से अपील की थी कि वे अवैध हथियारों या नकली बंदूकों से रील्स बनाकर अपना समय और ऊर्जा बर्बाद न करें। पुलिस एडीजी (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने कहा कि इन हरकतों से आप मुश्किल में पड़ जाएंगे। अगर आप मशहूर होना चाहते हैं, तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लें, या फिर पुलिस अथवा सेना की तैयारी करें। सोशल मीडिया पर पुलिस नजर रख रही है। हथियार दिखाकर रील्स बनाने वाले कई लोगों को पकड़ा भी गया है।

हालांकि, मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि गन कल्चर की प्रवृत्ति बहुत खतरनाक है। शॉर्टकट के जरिए मशहूर बनने की चाहत से परिवार और समाज के मूल्यों को कम कर रही है। इससे समाज का माहौल बिगड़ता जा रहा है।

पटना के महावीर वरिष्ठ नागरिक अस्पताल के फॉरेंसिक मनोचिकित्सक डॉ. निखिल गोयल का कहना है कि यह एक खतरनाक खतरनाक ट्रेंड है। यह हमारे सामाजिक ढांचे के मूल्यों और आदर्शों की कमजोर नींव को दर्शाता है। यह प्रवृत्ति गन कल्चर तक सीमित नहीं है। बलात्कार और छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाएं भी पारिवारिक एवं सामाजिक मूल्यों के क्षरण का उदाहरण हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में गलत तरीके से जल्द प्रसिद्धि और पैसा पाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।

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