Hindi Newsबिहार न्यूज़Group of 500 devotees from Janakpur departed for Ayodhya for Tilak of Lord Rama

भगवान राम का तिलकोत्सव कब? जनकपुर से 500 लोगों का जत्था अयोध्या रवाना, तिलक में क्या है खास?

जय सियाराम के जयघोष के साथ जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर से रामलला को तिलक चढ़ाने के लिए श्रद्धालु रवाना हुए। मंदिर से सुबह 10 बजे 501 भार के साथ पांच सौ से अधिक श्रद्धालु मेयर मनोज कुमार साह की अगुवाई में अयोध्या के लिए रवाना हुए।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तानSun, 17 Nov 2024 09:39 AM
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अयोध्या में भगवान राम के विवाह की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। इसे लेकर उनके ससुराल जनकपुर में भी उत्सवी माहौल है। जय सियाराम के जयघोष के साथ शनिवार को जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर से रामलला को तिलक चढ़ाने के लिए श्रद्धालु रवाना हुए। मंदिर से सुबह 10 बजे 501 भार के साथ पांच सौ से अधिक श्रद्धालु मेयर मनोज कुमार साह की अगुवाई में अयोध्या के लिए रवाना हुए। भार में प्रभु श्री राम के लिए लोगों ने चेन, अंगूठी सहित अन्य आभूषण दान किए हैं। रात्रि विश्राम गढ़ी माई में है। भार यात्रा 17 नवंबर को देर रात तक अयोध्याधाम पहुंचेगी।

इसके अलावे प्रभु श्री राम के साथ चारों भाइयों, तीनों रानियों को लिए वस्त्रत्त्, प्रभु राम के लिए आभूषण के साथ मखान, दही चूड़ा, खीर पुड़ी, खजुरी, खाजा, लड्डू, केला, सेब, संतरा, सहित मेवा आदि शामिल हैं। 18 नवंबर को अयोध्या के राम लला मंदिर में तिलकोत्सव आयोजित किया जाएगा। 6 दिसम्बर को विवाह समारोह आयोजित किया जाएगा।

सीताराम विवाह को लेकर बारात यात्रा का रूट जारी

इस बीच अयोध्या धाम से मिथिलापुरी जनकपुर नेपाल तक श्रीसीताराम विवाह महोत्सव का बारात यात्रा का रूट चार्ट जारी किया गया है। मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी शुल्क नवमी को 26 नवंबर से 9 दिसंबर तक सीताराम विवाह का कार्यक्रम आयोजित की गई है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने सीताराम विवाह बारात यात्रा का रूट जारी किया गया है। जिसमे 26 को सुबह कारसेवक पुरम अयोध्या से बारात यात्रा निकाली जाएगी जो 28 को बिहार के बक्सर में प्रवेश करेगी। जिसका ब्रह्म स्थान चौराहा पर स्वागत किया जायेगा। वहीं 29 को बारात सुबह पाटलिपुत्र (पटना) पहुंचेगी। वहां से हाजीपुर में बारात का स्वागत होगा। फिर बारात कांटी पहुंचेगी जहां रात्रि विश्राम होगा।

30 को सीतामढ़ी में हो प्रवेश बारात

सुबह कांटी से निकल कर दो पहर शिवहर में पहुंचेगी। फिर वहां से शाम में बारात का स्वागत रुन्नीसैदपुर में किया जायेगा। बारात यात्रा देर शाम पुनौरा धाम जानकी मंदिर पहुंचेगी जहां रात्रि विश्राम व भोजन की व्यवस्था है। दूसरे दिन 1 दिसंबर को बारात दस बजे पुपरी के लिए रवाना होगी। फिर अहिल्या स्थान पहुंचकर वहां भोजन प्रसाद ग्रहण किया जायेगा। वहां से चलकर बारात बेनीपट्टी में रात्रि विश्राम करेगी। 2 दिसंबर को बेनीपट्टी होते हुए रात्रि विश्राम मधवापुर मटिहानी में होगा।

तीन दिसंबर को बारात नेपाल में प्रवेश करेगी

बारात यात्रा 3 दिसंबर को नगर भ्रमण करेगी। वही 4 को दो पहर बाद दशरथ मंदिर प्रांगण में समधी मिलन, 5 को धनुषा धाम का दर्शन व दो पहर बाद मटकोंर एवं 6 को रात्रि में बरबीघा मैदान में विवाहोत्सव, 7 को राम कलेवा व रात्रि सामूहिक विवाह, 8 को मौली पुर वीरगंज में रात्रि विश्राम एवं 9 दिसंबर को वीरगंज से बारात मोतिहारी बाईपास, गोपालगंज, कुशीनगर होते हुए गोरखपुर लौटेगी।

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