नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले पैक्स को कर दिया टाइट, धान खरीद में गड़बड़ी नहीं कर पाएंगे
गड़बड़ी रोकने के लिए विभाग ने कई उपाय किए हैं। धान खरीद में बायोमीट्रिक सत्यापन के निर्देश दिए गए हैं। मिलों की विद्युत खपत को अधिप्राप्ति पोर्टल पर दर्शाया जाएगा। चावल कूटने में देरी की शिकायत के बाद यह निर्णय लिया गया है।
बिहार में धान खरीद एक नवंबर से शुरू है। पैक्सों और व्यापार मंडलों के जरिए किसानों से धान खरीद होनी है। इस बार पैक्सों से मिल तक धान ढोने वाले वाहनों में भी जीपीएस अनिवार्य कर दिया गया है। बिहार सरकार की ओर से खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे पहले चावल के परिवहन में जीपीएस अनिवार्य किया गया था।
इसके अलावा गड़बड़ी रोकने के लिए विभाग ने कई उपाय किए हैं। धान खरीद में बायोमीट्रिक सत्यापन के निर्देश दिए गए हैं। मिलों की विद्युत खपत को अधिप्राप्ति पोर्टल पर दर्शाया जाएगा। चावल कूटने में देरी की शिकायत के बाद यह निर्णय लिया गया है। मुख्यालय स्तर पर एपीआई के जरिए विद्युत खपत का डाटा प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है। इसे देखने की सुविधा जिलास्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्य में धान खरीद का लक्ष्य इस वर्ष भी 45 लाख मीट्रिक टन तय किया गया है। एक नवंबर से कोसी, पूर्णिया, तिरहुत, दरभंगा और सारण प्रमंडल के जिलों में धान खरीद शुरू हो जाएगी। शेष जिलों में 15 नवंबर से खरीद शुरू होगी। किसान 15 फरवरी तक धान बेच सकते हैं। साधारण धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए का 2320 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है।
पंजीकरण जरूरी
पैक्सों और व्यापार मंडलों पर जाकर धान बेचने के लिए रैयत और गैररैयत किसानों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। रैयत किसान अधिकतम 250 क्विंटल और गैररैयत किसान अधिकतम 100 क्विंटल धान बेच सकेंगे। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। रैयत किसानों को भूमि से संबंधित और अन्य सूचना देनी होगी। वहीं, गैररैयत किसानों को सिस्टम से निकले घोषणा पत्र पर किसान सलाहकार या कृषि समन्वयक और वार्ड सदस्य या मुखिया, पंचायत समिति सदस्य या जिला परिषद सदस्य से प्रतिहस्ताक्षित कराना होगा।
31 अक्टूबर तक निबंधन
धान खरीद के लिए पैक्सों और व्यापार मंडलों का निबंधन 31 अक्टूबर तक होगा। सहकारिता विभाग से निर्देश जाने के बाद जिला स्तर पर निबंधन का काम जारी है। इसी तरह चावल तैयार करने के लिए मिलों का निबंधन 31 अक्टूबर तक होगा। अधिप्राप्ति पोर्टल पर जाकर मिलर अपना निबंधन करा सकते हैं। निबंधित मिलरों के मिलों का भौतिक सत्यापन जिला स्तर पर गठित तीन सदस्यीय टीम करेगी।