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गुड न्यूज! शहरों में 7 तो गांवों में 15 दिनों के भीतर मिलेगा बिजली कनेक्शन, कंपनियों पर लगेगा जुर्माना

आवेदकों को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों मोड से आवेदन करने का मौका मिलेगा। ऑनलाइन आवेदन पूर्ण होते ही रजिस्ट्रेशन नंबर उपलब्ध होगा, जबकि ऑफलाइन मामले में उनका आवेदन स्कैन कर 24 घंटे के अंदर वेब पोर्टल पर अपलोड कर उपभोक्ताओं को रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाThu, 12 June 2025 06:53 AM
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गुड न्यूज! शहरों में 7 तो गांवों में 15 दिनों के भीतर मिलेगा बिजली कनेक्शन, कंपनियों पर लगेगा जुर्माना

बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। बिजली कंपनी अब कनेक्शन देने में मनमानी नहीं कर सकेगी। वितरण कंपनियों को महानगर में तीन दिन, नगर निगम क्षेत्र में सात दिन तो ग्रामीण इलाकों में अधिकतम 15 दिनों के भीतर बिजली कनेक्शन देना होगा। ऐसा नहीं होने पर बिजली कंपनियां डिफॉल्टर साबित होंगी और उन पर प्रतिदिन एक हजार रुपये की दर से जुर्माना लगेगा।

कुछ समय पहले बिजली कंपनी की ओर से इसकी याचिका दायर की गई थी, जिस पर बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने अपना निर्णय सुना दिया है। अभी तत्काल के तहत 15 दिनों में बिजली कनेक्शन मिलता है, लेकिन इस मद में उपभोक्ताओं को दोगुनी राशि देनी पड़ती है। कंपनी अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले साल बिजली कंपनी ने विनियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी।

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इसके तहत आम लोगों को सुविधा देने के लिए बिहार बिजली सप्लाई कोड 2007 में आठवां संशोधन का अनुरोध किया गया था। आयोग ने सार्वजनिक नोटिस जारी करते हुए इस पर आम लोगों और स्टेक होल्डर्स से आपत्ति और सुझाव मांगे थे। फिर इस मसले पर जनसुनवाई भी हुई, जिसमें इच्छुक व्यक्ति, संस्थाएं या अन्य गैर सरकारी कंपनियां उपस्थित होकर अपनी राय रखी।

जनसुनवाई के बाद आयोग ने अपने निर्णय में कहा है कि बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को नया बिजली कनेक्शन, नाम में संशोधन, भार में बढ़ोतरी या कमी आदि सेवाओं का ऑनलाइन आवेदन लेगी। इसके लिए एक समर्पित वेब पोर्टल और मोबाइल एप बनाया जाएगा।

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ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों मोड में कर सकेंगे आवेदन

आवेदकों को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों मोड से आवेदन करने का मौका मिलेगा। ऑनलाइन आवेदन पूर्ण होते ही रजिस्ट्रेशन नंबर उपलब्ध होगा, जबकि ऑफलाइन मामले में उनका आवेदन स्कैन कर 24 घंटे के अंदर वेब पोर्टल पर अपलोड कर उपभोक्ताओं को रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा। आवेदनों की ट्रैकिंग की जाएगी।

10 किलोवाट भार तक के नए कनेक्शन के लिए आवेदकों को अब सिर्फ आवेदन पत्र के साथ पहचान प्रमाणपत्र देना होगा। अगर पहचान पत्र पर कनेक्शन स्थल का पता उपलब्ध है तो उनको अलग से स्वामित्व प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं होगी। जल्द ही समेकित रूप से सप्लाई कोड में संशोधन किए जाएंगे।

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मेट्रो के लिए बिजली दर तय करने को याचिका दायर

पटना में मेट्रो आकार लेने लगा है। सरकार की कोशिश है कि इसी साल 15 अगस्त से शहर के एक हिस्से में मेट्रो ट्रेन सेवा का परिचालन शुरू हो जाए। मेट्रो चलाने के लिए बिजली दर तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग के अधीन पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से विनियामक आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की गई है।

याचिका में कहा गया है कि मेट्रो को रेलवे की तरह न समझा जाए, क्योंकि रेलवे का परिचालन चौबीसों घंटे होता है। वहीं मेट्रो रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहेगा। रेलवे से माललदान होता है, जिसमें उसे सब्सिडी मिलती है। मगर मेट्रो केवल यात्रियों को लाने-ले जाने का काम करेगा। आयोग ने 26 जून तक इस पर लोगों से राय मांगी है। 30 जून को आयोग याचिका पर सुनवाई करेगा।

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