बिहार के पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करें, मांझी की केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी
मांझी ने खत में आगे लिखा है, ‘मेरे बिहार के मुख्यमंत्री काल के दौरान इस मेले को राजकीय मेला घोषित किया गया था। चूंकि, यह मेला धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है।’
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने गया के विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिखी है। इस खत में जीतन राम मांझी ने कहा है कि देश-विदेस से लाखों श्रद्धालु अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना के लिए पिंडदान करने आते हैं। लिहाजा गया के मशहूर पितृपक्ष मेले को ध्यान को अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित किया जाए।
जो खत जीतन राम मांझी ने देश के संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लिखा है उसमें कहा है, 'मैं गया संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं। गया (बिहार)में भाद्रपद में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला आय़ोजित किया जाता है जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना लिए पिंडदान करने के लिए पहुंचते हैं।'
मांझी ने खत में आगे लिखा है, 'मेरे बिहार के मुख्यमंत्री काल के दौरान इस मेले को राजकीय मेला घोषित किया गया था। चूंकि, यह मेला धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है, इसलिए मैं चाहता हूं कि बिहार के साथ-साथ देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए इस मेले को अंतरराष्ट्रीय मेले का दर्जा दिए जाने की कृपा करें।'
बता दें कि इस साल विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला-2024 का आगाज 17 सितंबर से होगा। एक पखवारे तक चलने वाले इस मेले की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। इस मेले में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। गया को मोक्ष भूमि कहा जाता है और ऐसी मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
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