Flood In Bihar: मुश्किल से मिल रही एक वक्त की रोटी, जंगल में गुजर रही जिंदगी; गंगा से दहशत भी, बाढ़ पीड़ितों का दर्द
Flood In Bihar: जल स्तर बढ़ने से बाढ़ प्रभावितों को एक बार फिर से मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। मुंगेर में गंगा का वार्निंग लेवल 38.33 मीटर है। एक दिन पूर्व रविवार को जहां गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल से 15 सेंटीमीटर नीचे बह रहा था।
Flood In Bihar: सोन नदी का पानी छोड़े जाने के कारण बिहार के मुंगेर जिले में गंगा मैया एक बार फिर से रूप धारण करने की ओर अग्रसर है। वहीं दूसरी ओर कोसी तथा गंडक नदी में भारी जल वृद्धि के कारण भी गंगा का पानी तेजी से नहीं निकल पा रहा है। गौरतलब है कि पिछले एक महीने से गंगा के जलस्तर में उतार व चढ़ाव के कारण निचले इलाकों के लोग काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। मुंगेर में गंगा नदी एक बार फिर वार्निंग लेवल को पार कर गयी है। सोमवार को गंगा का जलस्तर पांच बजे तक 38.42 मीटर दर्ज किया गया। जल स्तर बढ़ने से बाढ़ प्रभावितों को एक बार फिर से मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। मुंगेर में गंगा का वार्निंग लेवल 38.33 मीटर है। एक दिन पूर्व रविवार को जहां गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल से 15 सेंटीमीटर नीचे बह रहा था, वहीं सोमवार को वार्निंग लेवल से गंगा 9 सेंटीमीटर ऊपर हो गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार पिछले दो दिनों से हुई जबरदस्त बारिश के कारण राज्य की विभिन्न नदियां उफान पर है।
जहां-तहां ठहरे हुए हैं बाढ़ प्रभावित
एक बार फिर से जलस्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ प्रभावित अपने घर लौटने की बजाय आश्रय स्थल के साथ ही जहां -तहां पॉलिथीन टांगकर अपने मवेशियों के साथ परेशानियों की जिंदगी गुजार रहे हैं। बरियारपुर तथा हवेली खड़गपुर के जंगली क्षेत्रों में सैकड़ों की संख्या में बाढ़ प्रभावित ठहरे हुए हैं। इन क्षेत्रों में प्रभावित लोगों की मवेशियों को चरने का बड़ा क्षेत्र मिल जाता है।
लोगों ने सुनाई परेशानी
बरियारपुर के कल्याण टोला की रहने वाली यशोदा देवी का कहना है कि बारिश आने पर हमलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमलोग बीते एक महीने से यहां जंगली क्षेत्र में ठहरकर अपने मवेशियों को लेकर रह रही हूं। जलावन नहीं रहने से महज एक वक्त की रोटी बनाकर जीवन व्यतीत कर रही हूं। संजू देवी ने कहा कि अब भी घर में कमर भर पानी जमा हुआ है। ऐसी परिस्थितियों में घर में रहना काफी मुश्किल है। हमलोग बीते सावन महीने से ही यहां आकर परेशानियों के बीच रहने को मजबूर हैं। वहीं सबसे अधिक परेशानी जलावन की कमी के कारण खाना बनाने में हो रही है।
इसी टोले के बिंदेश्वरी यादव ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से घरों में बाढ़ का पानी रहने के कारण हमलोग परिजनों के साथ -साथ अपने मवेशियों को लेकर रह रहे हैं। चारा से लेकर भोजन तक की समस्या तो है ही, वहीं बारिश के कारण पॉलिथीन शीट के नीचे रहना मुश्किल हो जाता है। हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
कई गांवों में फिर फैलने लगा गंगा नदी का पानी
अगर जलस्तर में कमी नहीं आयी तो दो दिनों में स्थिति फिर से विकराल हो जायेगा। कुतलूपुर के बाढ़ प्रभावित पंकज कुमार सिंह ने कहा कि गांव में फिर से बाढ़ का पानी फैलना शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि वैसे तो स्थिति फिलहाल सामान्य है, लेकिन दो दिनों तक जलस्तर में वृद्धि जारी रहा तो फिर से बाढ़ की स्थिति बन सकती है। उन्होंने कहा कि इसबार पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से बाढ़ की विभिषिका से लोग परेशान है। घर के छत पर रहकर अपने संपत्ति की रक्षा में लगे रहे। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से बाढ़ की आशंका से ग्रामीण सहमे हुए हैं। ग्रामीणों कहा इसबार का पर्व त्योहार फीका हो जाएगा।