अस्पताल, स्कूल में पानी, किसानों के सामने खेती की परेशानी; बिहार में यहां इस साल तीसरी बार आई तबाही की कहानी
सभी सड़कों पर फिर तीन से पांच फीट ऊंचा बाढ़ का पानी बहने लगा है। लोग पानी में डूबी सड़कों पर होकर आवाजाही कर रहे हैं। अस्पताल व सभी स्कूल परिसर में फिर बाढ़ का पानी जमा हो चुका है।
बिहार के बेगूसराय जिले में गंगा बाया नदी में आई उफान से लोगों दहशत में है। यहां एक बार फिर दियारे की सभी बस्तियां जलमग्न हो गई हैं। चमथा दियारे में इस साल तीसरी बार बाढ़ का पानी लौटने के साथ ही स्थिति पहले से भी भयावह बन गई है। एक सप्ताह पहले दियारे के गांवों से बाढ़ का पानी निकलने के साथ ही दियारे वासियों ने राहत की सांस ली थी। किंतु सितंबर के इस माह में अचानक आई बाढ़ ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।
किसानों के समक्ष आगामी रबी खेती करने पर भी संकट की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। दियारे के लोग एक बार फिर अपने माल- मवेशियों के साथ ऊंचे स्थलों पर शरण लेने को विवश हैं। सभी सड़कों पर फिर तीन से पांच फीट ऊंचा बाढ़ का पानी बहने लगा है। लोग पानी में डूबी सड़कों पर होकर आवाजाही कर रहे हैं। अस्पताल व सभी स्कूल परिसर में फिर बाढ़ का पानी जमा हो चुका है। पानी में डूबी सड़क से होकर स्कूल जाने- आने वाले छात्रों व शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है।
चमथा गोप टोल के वकील राय, जयप्रकाश राय, अरविंद राय, सनोज राय आदि किसानों ने बताया कि इस साल आई बाढ़ के कारण दियारे के खेतों में खरीफ फसलें पूरी तरह मारी गई हैं। किसानों को सरकारी तौर पर फसल क्षति का कोई मुआवजा भी नहीं मिल सका है। अब उनके समक्ष अगले माह से होने वाली रबी खेती पर भी आफत की नौबत उत्पन्न हो चुकी है।
इधर, मवेशियों के लिए चारे संकट की भीषण समस्या उत्पन्न हो चुकी है। चमथा-एक पंचायत के मुखिया संजय दास, चमथा-दो पंचायत के मुखिया राकेश कुमार उर्फ बच्चा बाबू, विशनपुर के मुखिया उदय कुमार राय आदि पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि चमथा दियारे में पिछले करीब 2 माह से बाढ़ का पानी जमा था।
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