बिहार को बाढ़ से बचाने के लिए 4 बराज, कोसी तटबंध टूटने की होगी जांच; लखनदेई के उफान से संकट बरकरार
बिहार के जल संसाधन व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में पहली बार बिहार की बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के तहत ढेंग, तैयबपुर, अरेराज और डगमारा में बराज निर्माण की योजना बनायी जा रही है।
बिहार को बाढ़ से बचाने के लिए चार बराज बनाने की तैयारी है। जल संसाधन मंत्री ने इस बात की जानकारी दी है। इधर सीतामढ़ी जिले में बागमती नदी नरम पड़ी तो लखनदेई नदी (लक्ष्मणा) उफना गई है। लखनदेई के उफान में सोमवार सुबह शहर के रिंग बांध पीली कुटी रोड में हनुमान मंदिर का एक हिस्सा समा गया। मंदिर के इस हिस्से में पुजारी के रहने के लिए कमरा बना था। इससे इलाके में दहशत फैल गई। लोगों ने बताया कि लखनदेई नदी में पानी के तेज बहाव के कारण पहले दरार बन गयी। इसके बाद पुजारी रामयाद शरणजी मकान से निकलकर बाहर आ गए। देखते ही देखते में महज 37 सेकेंड मंदिर का यह भाग पानी में धराशायी हो गया।
इधऱ बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दरभंगा में कहा है कि पश्चिमी कोसी तटबंध टूटने की तकनीकी जांच करायी जाएगी। सोमवार को भुवौल गांव के पास तटबंध टूटने के स्थल के पास जायजा लेने पहुंचे मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि बाढ़ खत्म होने के बाद इसकी यथाशीघ्र मरम्मत करायें। उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ विस्थापितों के साथ खड़ी है। जब तक उनके घरों में पानी रहेगा, सरकार कैंप लगाकर उन्हें दो वक्त का भोजन और नाश्ता मुहैया करायेगी। मंत्री ने कहा कि उन्हें अभियंताओं ने बताया है कि कोसी नदी की धारा पश्चिमी तटबंध से सटकर बह रही है। बैराज से अत्यधिक जलस्राव होने के कारण पानी ओवरटॉप कर गया।
इस दौरान पश्चिमी कोसी तटबंध पर शरण लिये बाढ़ पीड़ितों ने मंत्री से मिलकर उन्हें अपनी पीड़ा सुनाई। बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि तटबंध की देखरेख करने वाले इंजीनियर अगर उन लोगों को मिट्टी व सैंड बैग मुहैया करा देते तो तटबंध नहीं टूटता। भुवौल के ग्रामीणों ने कहा कि तटबंध टूटने की घटना के बाद किरतपुर के सीओ उन लोगों की दशा देखने के लिए भी नहीं आये, राहत पहुंचाने की बात तो दूर रही। ग्रामीणों ने मंत्री से कहा कि तटबंध टूटने के बाद सैकड़ों घर नदी में समा गये हैं।
मुजफ्फरपुर के 12 मोहल्लों में घुसा पानी
बूढ़ी गंडक को छोड़ जिले की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में तेजी से गिरावट हो रही है। सोमवार को बागमती, गंडक और लखनदेई का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया। वहीं, बूढ़ी गंडक का जलस्तर पिछले 24 घंटे में करीब आठ सेमी बढ़ने से तटबंधों के भीतर बसे शहर के एक दर्जन मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया।
बाढ़ से निजात को बनाये जाएंगे चार नये बराज मंत्री
बिहार के जल संसाधन व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में पहली बार बिहार की बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के तहत ढेंग, तैयबपुर, अरेराज और डगमारा में बराज निर्माण की योजना बनायी जा रही है। सोमवार को परिसदन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि इन चारों बराजों के निर्माण से बिहार में बाढ़ का प्रभाव काफी कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार की बाढ़ के स्थाई समाधान के लिए नेपाल में हाई डैम का निर्माण जरूरी है। यह अंतरराष्ट्रीय मामला है, जिसके लिए केन्द्र सरकार के स्तर से प्रयास किये जा रहे हैं