फाइल, कंप्यूटर और प्रिंटर गायब, बैकडेट में दाखिल-खारिज; भ्रष्टाचार में फंसी पटना सदर की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह
छानबीन में पता चला है कि दाखिल खारिज के 451 तथा भूमि विवाद से संबंधित 36 फाइलें अब भी गायब हैं। अधिकारियों को आशंका है कि सभी फाइल पूर्व डीसीएलआर के पास हैं। इन फाइलों में भी बैकडेट में आदेश पारित करने की आशंका है।
पटना सदर की डीसीएलआर रहीं मैत्री सिंह भ्रष्टाचार के मामले में फंस गई हैं। 22 अक्टूबर को तबादला होने के बावजूद उन्होंने दाखिल-खारिज के 255 अभिलेखों का निष्पादन बैकडेट में कर दिया है। स्थानांतरण के बाद भी वह अपने साथ सरकारी दस्तावेज ले गई थी, जिसे 14 और 15 नवंबर को दफ्तर में लौटाया। डीएम के निर्देश पर सदर एसडीएम ने जांच की तो पता चला कि 451 दस्तावेज अब भी गायब हैं। इस पर डीएम ने डीसीएलआर पर कार्रवाई करने की अनुशंसा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव से की है। बताया जाता है कि मैत्री सिंह ने आठ-नौ महीने पहले ही नौकरी ज्वाइन की थी। फिलहाल वह विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं।
दरअसल, डीएम के जनता दरबार में इस माह की शुरुआत में कई लोगों ने शिकायत की थी कि दाखिल खारिज करने के लिए पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह के दलाल दबाव बना रहे हैं। पैसे लेकर दाखिल खारिज बैकडेट में करने का आश्वासन दिया जा रहा है। हम लोगों की भूमि से संबंधित सांचिकाएं अब भी पूर्व डीसीएलआर के पास है। यदि हस्तक्षेप नहीं किया गया तो दाखिल खारिज के आवेदन रद्द हो जाएंगे।
इस पर डीएम ने पटना सदर एसडीएम को जांच का आदेश दिया। सदर एसडीएम ने जांच की पता चला कि दफ्तर से 700 फाइलें गायब हैं। खोजबीन शुरू हुई तो डीसीएलआर ने 255 फाइल 14 और 15 नवंबर को कार्यालय को लौटा दिया। छानबीन में पता चला है कि दाखिल खारिज के 451 तथा भूमि विवाद से संबंधित 36 फाइलें अब भी गायब हैं। अधिकारियों को आशंका है कि सभी फाइल पूर्व डीसीएलआर के पास हैं। इन फाइलों में भी बैकडेट में आदेश पारित करने की आशंका है। एसडीएम की जांच में पता चला कि कार्यालय से कंप्यूटर, प्रिंटर समेत अन्य उपकरण गायब हैं।
पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कई लोगों ने शिकायत की थी कि दाखिल खारिज के मामले में पूर्व डीसीएलआर द्वारा पैसे मांगे जा रहे हैं। जांच में कई संचिकाएं गायब मिलीं। जांच में पूर्व डीसीएलआर दोषी पाई गई हैं, इसीलिए उन पर कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है।
दलाल ने लौटाई भूमि विवाद की 28 फाइल
जांच के बाद दाखिल-खारिज एवं भूमि विभाग से संबंधित फाइलों की खोजबीन हो रही थी। इस बीच 14 नवंबर को एक अज्ञात व्यक्ति ने डीसीएलआर कार्यालय में भूमि विवाद से संबंधित 28 फाइल को लौटाया। पूछताछ हुई तो पता चला कि वह पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह के लिए अवैध तरीके से काम करता था।
एक साल पहले पकड़े गए थे दानापुर के डीसीएलआर
एक साल पहले दानापुर के तत्कालीन डीसीएलआर भी भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े गए थे। उन पर आरोप था कि एक महिला से दाखिल खारिज के आदेश पारित करने के आरोप में एक लाख रिश्वत ली है। छापेमारी में मौके से लाख नगद एवं कई संचिकाएं बरामद की गई थीं। बाद में डीसीएलआर को निलंबित कर दिया गया था।