Hindi Newsबिहार न्यूज़First supplementary chargesheet filed in Sanjeev Hans case ED names 7 accused

संजीव हंस मामले में पहली सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर, ईडी ने 7 नामजद को बनाया आरोपी

आईएएस संजीव हंस के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 3 हजार पन्नों की पहली अनुपूरक चार्जशीट दायर कर दी है। जिसमें 7 नामजद अभियुक्त बनाए गए हैं। इससे पहले ईडी ने 20 हजार पन्नों की पहली चार्जशीट 16 दिसंबर 2024 को दायर कर चुकी है। इसमें संजीव हंस समेत 8 नामजद अभियुक्त बनाए गए थे।

sandeep हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाFri, 10 Jan 2025 08:29 AM
share Share
Follow Us on

ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने आईएएस संजीव हंस के मामले में पहली अनुपूरक चार्जशीट दायर कर दी है। पटना स्थित पीएमएलए कोर्ट में गुरुवार को दायर 3 हजार पन्नों से अधिक की इस चार्जशीट में 7 नामजद अभियुक्त बनाए गए हैं। इसमें मातृश्रवा इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, इसके दो निदेशक पवन कुमार सिंह एवं वरुण सिंघला के अलावा सुरेश सिंघला (सिंघला कंपनी का पूर्व कर्मचारी), पूणे स्थित व्यवसायी देवेन्द्र सिंह आनंद एवं उसकी कंपनी आनंद ट्रेडिंग, पुष्पराज बजाज के जीजा उत्तम डागा की कोलकाता स्थित माइनिंग एंड इंजीनियरिंग नामक कंपनी और मुंबई आधारित व्यवसायी विपुल बंसल शामिल हैं।

ईडी संजीव हंस के मामले में 20 हजार पन्नों की पहली चार्जशीट 16 दिसंबर 2024 को दायर कर चुकी है। इसमें संजीव हंस समेत 8 नामजद अभियुक्त बनाए गए थे। इस तरह अब तक इस मामले में कुल 16 नामजद किए गए हैं। लेकिन, कोलकाता के व्यापारी उत्तम डागा को अभी तक नामजद अभियुक्त नहीं बनाया गया है।

ये भी पढ़ें:संजीव हंस पर एक और केस की तैयारी, ED ने गृह मंत्रालय को खत लिख मांगी अनुमति

कुछ दिनों पहले ही इस मामले में आईएएस अधिकारी संजीव हंस को निलंबित किया गया है। हंस फिलहाल जेल में बंद हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आय से अधिक संपत्ति और पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रही है।

ये भी पढ़ें:संजीव हंस पर एक और केस की तैयारी, ED ने गृह मंत्रालय को खत लिख मांगी अनुमति

साल 2018 से लेकर 2023 तक बिहार और केंद्र में विभिन्न पदों पर रहते हुए संजीव हंस ने भ्रष्ट आचरण से जमकर काली कमाई की। इस मामले में आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत अन्य कई लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। बिहार सरकार ने आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में घिरे आईएएस संजीव हंस को 6 महीने पहले पद से मुक्त कर दिया था। उस समय वे ऊर्जा विभाग में प्रधान सचिव के पद पर तैनात थे और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के एमडी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें