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134 आईओ पर FIR, 943 फाइलें ऑफिस से गुम हैं, बिहार पुलिस यह में यह क्या हो रहा?

पीड़ितों को न्याय दिलाने में बाधा बने 134 अनुसंधानकों (आईओ) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एसएसपी राकेश कुमार के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। पीड़ितों को न्याय दिलाने में बाधा बने 134 अनुसंधानकों (आईओ) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एसएसपी राकेश कुमार के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाताThu, 19 Dec 2024 09:24 AM
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पीड़ितों को न्याय दिलाने में बाधा बने 134 अनुसंधानकों (आईओ) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एसएसपी राकेश कुमार के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। सभी को नामजद करते हुए आपराधिक विश्वासघात की धारा लगाई गई है। आरोपित बनाए गए सभी आईओ जिला से स्थानांतरित होकर चले गए। साथ में 943 आपराधिक वारदातों की जांच फाइल भी ले गए। इस कारण 5-10 साल से अधिक समय से सैकड़ों केस पेंडिंग पड़े हुए हैं और पीड़ित न्याय के लिए दौड़ते-दौड़ते थक कर घर बैठ गए। नगर, सदर, अहियापुर, काजी मोहम्मदपुर, ब्रह्मपुरा, मनियारी समेत आठ थानों में इन आईओ के खिलाफ एफआईआर हुई है।

काजी मोहम्मदपुर थाना में 10 साल से अधिक समय से केस में अनुसंधान का चार्ज व केस फाइल लेकर लापता चल रहे तत्कालीन दारोगा भूनेश्वर सिंह, फुलजेम्स कंडोलना, सरोज कुमार, गोपाल पांडेय, राधाशरण पाठक, देवेंद्र प्रसाद, रामाधार सिंह, विश्वनाथ झा, दिनेश महतो, सुनील कुमार और विजय कुमार सिंह को आरोपित बनाया गया है। 10 साल में कई बार इन सभी दारोगा को पत्राचार कर केस फाइल सौंपने को कहा गया, पर कोई जवाब नहीं दिया। इस तरह अहियापुर में 10 साल से अधिक से केस की फाइल लेकर स्थानांतरित हो चुके छह तत्कालीन दारोगा पर एफआईआर हु ई है। जिले में जिन 134 तत्कालीन दारोगा पर 943 केस फाइल लेकर भागने का आरोप है, उनमें अधिकतर सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

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जांच के दायरे में आएंगे एनओसी देने वाले थानेदार

जिले से स्थानांतरित इन दारोगा को एनओसी कैसे मिली इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। बगैर एनओसी दूसरे जिले में इनको वेतन नहीं मिलेगा। पेंशन और सेवानिवृत्ति राशि भी नहीं मिलेगी। एफआईआर होने के कारण आरोपित दारोगा को एनओसी देने वाले थानेदार भी जांच के दायरे में आएंगे। क्योंकि, उनके द्वारा एनओसी देने के कारण ही केस की जांच प्रभावित हुई।

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एसपी राजेश कुमार ने भी दर्ज कराई थी एफआईआर

स्थानांतरण के बाद केस की फाइल लेकर आईओ के द्वारा भाग जाने का मामला पहले भी सामने आ चुका है। वर्ष 2012 में मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसपी राजेश कुमार ने इसको लेकर नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। तब क्राइम रीडर ने सभी आईओ पर केस किया था। उक्त केस में अब तक नगर थाने में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

एसपी राजेश कुमार ने भी दर्ज कराई थी एफआईआर

स्थानांतरण के बाद केस की फाइल लेकर आईओ के द्वारा भाग जाने का मामला पहले भी सामने आ चुका है। वर्ष 2012 में मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसपी राजेश कुमार ने इसको लेकर नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। तब क्राइम रीडर ने सभी आईओ पर केस किया था। उक्त केस में अब तक नगर थाने में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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