5000 रुपये रिश्वत लेने पर एफसीआई मैनेजर को ढाई साल की जेल, कोर्ट ने 30 हजार का जुर्माना भी लगाया
मुजफ्फरपुर जिले में एफसीआई मैनेजर के पद पर तैनात नागेंद्र प्रसाद ने साल 2010 में एक बिल पास करने की एवज में 5000 रुपये की रिश्वत ली थी। 14 साल बाद पटना कोर्ट ने उसे ढाई साल जेल की सजा सुनाई है।
बिहार में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पूर्व मैनेजर को रिश्वतखोरी के मामले में ढाई साल जेल में रहने की सजा सुनाई है। पटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) विशेष अदालत ने गुरुवार को 14 साल पुराने मामले में सजा पर फैसला सुनाया। आरोपी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने मुजप्फरपुर में एफसीआई मैनेजर रहते हुए एक ठेकेदार से 5000 रुपये की रिश्वत ली थी। कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए ढाई साल सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जु्र्माना नहीं भरने पर उसे तीन महीने जेल की सजा अलग से भुगतनी होगी।
जानकारी के अनुसार, सीबीआई के अधिकारियों ने मुजफ्फरपुर जिले में तैनात एफसीआई के तत्कालीन मैनेजर नागेंद्र प्रसाद सिंह को 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए 20 मार्च 2010 को गिरफ्तार किया गया था। उसने एक ठेकेदार से बिल पास कराने की एवज में यह राशि ली थी। इसके बाद कोर्ट में लंबे समय तक इस केस का ट्रायल चला। अभियोजन पक्ष ने 13 गवाहों का बयान अदालत में दर्ज करवाया।
इसके बाद पटना की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने नागेंद्र प्रसाद को घूस लेने के मामले में दोषी करार दिया गया। उसे भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में दोषी पाए जाने के बाद यह सजा सुनाई गई।